न्यायिक जांच के लिए निर्वाचन आयोग से कांग्रेस ने मांगी अनुमति
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस ने विधायक भीमा मंडावी की हुई नक्सली हत्या मामले में न्यायिक जांच की घोषणा करने से पहले आचार संहिता का पालन करते हुए पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री बघेल घटना से काफी दुखी है और स्वंय विधायक व शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने दंतेवाड़ा गए थे। किसी भी प्रकार की जांच से कांग्रेस को एतराज नहीं हैं क्योकि झीरम घाटी हमलें जो पीड़ा कांग्रेस परिवार ने झेली है तो वह शहीद परिवारों की पीड़ा को समझते हैं। लेकिन दुख इस बात का है कि भाजपा इस मामले को चुनाव के मौके पर राजनीतिक रंग देकर दुष्प्रचार कर रही है इसलिए हमें निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी पड़ रही है।आरोप भी लगा रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार जांच से बचने की कोशिश कर रही है. आश्चर्य है कि 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद वे सरकार चलाने के कामकाज से वाकिफ नहीं हैं।
चूंकि सरकार इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहती थी इसलिए कोई बयान नहीं दिया गया। लेकिन सच यह है कि चुनाव के दौरान सरकार कोई घोषणा नहीं कर सकती और इसके लिए चुनाव आयोग की अनुमति की आवश्यकता होती है. दंतेवाड़ा में श्रद्धांजलि देकर लौटते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच का फैसला ले लिया था. इसीलिए घटना के अगले दिन ही सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगने के लिए पत्र लिख दिया था और कहा था कि सरकार घटना की न्यायिक जांच करवाना चाहती है इसकी घोषणा के लिए आयोग अनुमति दे।
भारतीय जनता पार्टी को एक संवेदनशील मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए और चुनाव आयोग के फैसले तक इंतजार करना चाहिए. कांग्रेस की सरकार इस मामले पर गंभीर है और वह पूरी निष्पक्षता से घटना की जांच करवाएगी। हम झीरम के पीडि़त हैं और हम किसी और के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
00 विधायक मंडावी की नक्सली हत्या