नई दिल्ली। हाल ही में कई चर्चित चेहरों के डीपफेक फोटोज-वीडियोज ने सोशल मीडिया पर लोगों की चिंता बढ़ा दी थी। जिसे लेकर अब केंद्र सरकार ने डीपफेक पर लगाम लगाने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड डीपफेक तकनीक से फोटो वीडियो से छेड़छाड़ की जाती है। जिसको लेकर सरकार एक्शन मोड पर आ गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्रालय ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एडवाइजरी करते हुए डीपफेक के बढ़ते मुद्दे से निपटने के लिए मौजूदा आईटी नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है।
जारी एडवाइजरी के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने यूजर्स को प्रतिबंधित सामग्री के बारे में सूचित करना जरूरी है, जो कि आईटी नियमों के तहत निर्दिष्ट है।
Misinformation represents a deep threat to the safety and trust of users on the Internet.
➡️ #Deepfake which is misinformation powered by #AI, further amplifies the threat to safety and trust of our #DigitalNagriks.
➡️ On 17th November, PM @narendramodi ji alerted the country… pic.twitter.com/QM38gPOt7O
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳(Modiyude Kutumbam) (@Rajeev_GoI) December 26, 2023
मंत्रालय ने कहा है कि आईटी नियमों के नियम 3(1)(बी) के तहत किसी भी प्रकार की गलत या भ्रामक सूचना को सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर नहीं डाला जा सकता है। यूजर्स को गलत वीडियो, मैसेज या कंटेंट डालने से रोकने का काम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का है, ताकि इससे अन्य यूजर्स को हानि ना पहुंचे।
एडवाइजरी में बताया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी सर्विस की शर्तों और यूजर्स समझौतों के जरिए आईटी नियम के तहत प्रतिबंधित सामग्री के बारे में यूजर्स को सूचित करना चाहिए। इसके अलावा प्लेटफॉर्म का यूज करने के लिए रजिस्ट्रेशन के वक्त यूजर्स को ऐसी अनुचित सामग्री के बारे में भी सूचित किया जाना चाहिए।
इसी के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूजर्स को यह भी जानकारी देगा कि आईटी कानून के नियम का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ आईपीसी के कार्रवाई की जा सकती है। एडवाइजरी में इस बात पर जोर दिया गया है कि डिजिटल मध्यस्थों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं को आईपीसी और आईटी अधिनियम 2000 सहित दंडात्मक प्रावधानों के बारे में सूचित किया जाए।
एडवाइजरी पर सलाहकार ने कहा, “इसके अलावा, सेवा की शर्तों और उपयोगकर्ता समझौतों में यह स्पष्ट रूप से उजागर होना चाहिए कि संदर्भ पर लागू प्रासंगिक भारतीय कानूनों के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कानूनी उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए मध्यस्थों/प्लेटफार्मों का दायित्व है।”
इसी के साथ आने वाले हफ्तों में मंत्रालय यह देखेगा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जरूरत पड़ने पर आईटी नियमों और कानून में और संशोधन करने के लिए सलाह का पालन कैसे करते हैं।