BharatNew Group: “भारत न्यूज़ ग्रुप” : हमारे एसोसिएट जिन सभी में हम काम करते है

श्री गणेशाय: नमः

दोस्तों आप सभी को नमस्कार, सभी माननीय को श्री नवरात्र, विजयादशमी, और दीपावली की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएँ। कुछ दिन पूर्व मैंने आप सभी से वाद किया था की मै अपने काम के बारे बताऊंगा चर्चा करूँगा, तो अभी खबर कम है चुनावी माहौल परवान चढने में देर है, सो लगा खाली समय में कुछ बात कर लेते है। बहुत दिन से लिखना पढ़ना छोड़ दिया था, समझ नहीं पा रहा था क्या करू आये दिन दो तरह के लोगो से सामन हो रहा था। एक तो पत्रकार कम पार्टी कार्यकर्ता और दूसरे पृष्ठ पिच्छालन पतलकार लिब्रान्डु जैसे….. , जिन्हे देख मै हत्प्रभ था, जिनके पास न कोई विज़न, न कोई आइडिया फिर भी ये लगे हुए है। आप ये न समझिये की ये कुछ नहीं कर रहे है हाँ ये कर रहे है न, बाकायदा हर महीने मोटी सरकारी खाद से पोषित है फले- फैले है जिनमे से 2 की एजेंसी तो मै ही खड़ा किया हु, ऐसे में क्या कहा जा सकता है। तो ऐसे में पढ़ना लिखना बेमानी ही है। क्या करू समझ नहीं आरहा था फिर भी काम तो करना ही है।

एक-दो तो सरकारी दुकान खोले हुए है बाकायदा हर साल एक आयोजन कार्यक्रम करवाइये सरकार से फंड मिलेगा ही और अब जब आचार संहिता सर में है तो 4 – 6 महीने का जुगाड़ तो हो ही जाएगा यह है काम।

मैंने आज तक छत्तीसगढ़ सरकार का शानदार कोई भी कार्यक्रम हो किसी में आज तक इनका न कमेंट न कोई कवरेज दिखा मुझे, दिखा तो बस सीएम सारे कार्यक्रम में ये मौजूद मिलें। फोटो खीचेंगे या कोई और काम चिपका देंगे। बाकी समय शानदार भौतिक आनंद में लीन रहते है भाई लोग।

“भारत न्यूज़ सर्विस” न्यूज़ एजेंसी
* सबसे पहले मेरा जो काम है वो है “भारत न्यूज़ सर्विस-एजेंसी” यह एक पत्रकारों का समूह है जिसमे प्रदेश-देश से पत्रकार सम्बद्ध है, अपनी सेवाएं दे रहे है। गत 15 वर्षों से स्थापित संचालित न्यूज़ सर्विस जिसने पिछली सरकारों को अपनी सेवाएं दी और वर्तमान में भी पूर्णतः पूर्ण प्रवाह (full flow) से संचालित है। Google Analytics की माने तो मंथली करीब 260,000 से 160,000 युजर के साथ अपना कुनबा समेटे हुए है और छोटे बड़े अखबार के साथ साथ ऑनलाइन यूजर भी हमारे सदस्य है लाभ उठा रहे है। 6 प्रदेश में मान्यता प्राप्त “भारत न्यूज़ सर्विस” हिंदी भाषी प्रदेशों में पूर्णतः स्वतः स्थान बनाये हुए है। लेकिन इसका मुख्य काम और भी है जो कि गूगल से जुड़ा हुआ है जिसे इस पटल में नहीं बताया जा सकता।

https://bharatnewsservice.com/ 

भारत न्यूज़ सर्विस


ऑनलाइन भारत न्यूज़
आगे बढे तो यह एक राष्ट्रिय स्तर का न्यूज़ पोर्टल और युटुब चैनल है जिसे अभी रोक के रखा गया है।

onlinebharatnews.com

ऑनलाइन भारत न्यूज़ (वेब न्यूज़ चैनल)


भारत योजना मित्र
सबसे महत्वपूर्ण यही है न्यू प्रोजेक्ट प्लान या यु कहे विज़न, मै पिछले 8 साल से योजना पर काम कर रहा हु बल्कि योजना ही क्यों और कई क्षेत्र में मैंने ठीक ठाक काम किया है थोड़ा बहुत पढता लिखता रहता हु सो नित नए प्रयोग मेरी शैली में शामिल है। आप सभी माननीय से वादा किया था की मै क्या काम करता हु बताऊंगा, तो आज आपके समक्ष रख रहा हु….. , लगभग सभी मेरे ही आइडियास है विज़न है इस लिए मै हर एक का कारण विज़न लिख सकता हु बता सकता हूँ लेकिन वो पर्याप्त न होगा।

“भारत योजना मित्र” देश प्रदेश की सभी योजना का एक मात्र सिंगल विंडो पोर्टल है जिसमे देश-प्रदेश सभी, हमें इससे कोई वास्ता नहीं की प्रदेश में किसकी सरकार है अगर प्रदेश में योजना संचालित है अच्छी है जन उपयोगी है हमने बिलकुल उसे स्थान दिया जन-जन तक पहुंचाया लेकिन ये इसका एक पार्ट है दूसरा हमारा उद्देश्य कुछ और भी है जिसमे सिर्फ योजना का प्रसार प्रसार करना नहीं बल्कि उसका लाभ अभ्यर्थी  तक पहुंचना उसे आने वाली दिक्क्त से निजात दिलाते हुए लाभ दिलवाना भी है।

https://bharatyojanamitra.com/

भारत योजना मित्र


जंगल न्यूज़
अब आगे बढ़ते है जंगल न्यूज़ आप सोचते होंगे ये क्या बला है, बिलकुल सही सोचा आपने हमारे देश में हर प्रदेश में जंगल है, देखा भी होगा कुछ एक की जानकारी भी हो, आप अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान घूमने भी गए होंगे लेकिन क्या आपको पता है अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान दोनों में क्या अंतर है किसे अभ्यारण्य और किसे राष्ट्रीय उद्यान कहते है आप में से बहुत कम लोगो को पता होगा…। दूसरा हर प्रदेश में जंगल होने के बावजूद उनकी सम्पूर्ण जानकारी न तो प्रदेशों न ही देश के पास उपलब्ध है कोई एक ऐसा पोर्टल या जगह बताइये जहाँ सम्पूर्ण जंगल की जानकारी प्रदेश के अधिकृत सोर्स या विभिन्न सोर्स से उपलब्ध हो आपको कहीं नहीं मिलेगा।

तो यह है “जंगल न्यूज़” लेकिन ये वही तक सीमित नहीं है इसमें अभ्यारण्य -राष्ट्रीय उद्यान के साथ साथ वन्य जीव जंतु प्राणी की जानकारी भी समाहित है। सम्पूर्ण जंगली उपज जैसे हर्रा, बहेड़ा चार बीजी शहद तेंदूपत्ता या फिर और भी सभी अन्य वनोपज को स्थान देने की योजना है मतलब आपको किसी भी सफारी जैसी जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान जाना है तो बस आप जंगल न्यूज़ में आइये आपके जाने रुकने का सब कुछ यहाँ मिल जायेगा।

उसी तरह वनो उपज को लेकर सरकारें बहुत परेशन रहती है उनके पास कोई एक ऐसा माध्यम पोर्टल नहीं जिसमे स्थान दे सके, होगा भी तो वे खुद भी नहीं जानते की उसका क्या नाम है। तो यह है जंगल न्यूज़।

www.junglenews.in/

जंगल न्यूज़


योजना मित्र
योजना मित्र, यह केंद्र की बहुत महत्त्वकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है अक्सर प्रधानमंत्री मोदी जी के उद्बोधन में सुना होगा की योजनाओं का प्रचार प्रसार कीजिए जन जन तक पहुचाये उनका लाभ दिलाये जनता को बताइये, लेकिन बेचारे जनप्रतिनिधि जब योजना के बारे में जाने तब ना बताये। तो ये उनकी समस्या है आप अभी जानते होंगेसफाई मित्र” लेकिन इस पोर्टल का रजिस्ट्रशन देखिएगा ये करीब 10 साल पुराना है मैंने 10 वर्ष पूर्व “योजना मित्र” की नीव रख दी थी उस समय से इस पर काम कर रहा हु, मेरे साथ साथ Pm मोदी जी के लिए भी यह एक महत्त्वकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है न जाने उनतक यह बात कैसे नहीं पहुंची या नजर नहीं पड़ी समझ से परे है लेकिन ये भी योजना से ही जुड़ा है।

पुरे देश में विश्व में सबसे ज्यादा योजना कहीं चलाई जा रही है तो वो भारत* -इंडिया है, लेकिन उन योजनाओं को implementation करने के लिए कोई ऐसा मैकेनिज्म नहीं है जिससे योजना को बेहरत तरीके से फलीभूत किया जा सके उसका लाभ जनता को दिलाया जा सके इसके आभाव में उसका लाभ उन तक नहीं पहुँचता जिन्हे मिलना चाहिए वो उससे महरूम रहते है या भटकते रहते है। बचा खुचा विपक्षी सरकारें योजनओं में अड़ंगा लगा के बैठे रहती है। तो यह है योजना मित्र। जिससे देश की योजनाओं का सीधा लाभ हितग्राही जनता को पहुंचेगा मिलेगा सालो साल का प्रोजेक्ट है ये।

यहां एकशख्स माननीय है जिनकी Pm हाउस में डायरेक्ट एंट्री है वो इस योजना में हमारी मदद कर सकते है इस पुरे प्रोजेट को स्थान दिला सकते है और आप सभी भी जानते है सरकारी खाद के बगैर पौधा बड़ा नहीं होता।

https://www.yojanamitra.in/

योजना मित्र


खरीदी-बिक्री.कॉम
यह प्लान एक ई-कॉमर्स कंपनी का है जिसे छत्तीसगढ़ प्रदेश से संचालन का प्लान था लेकिन यह भी हासिये में है। जिसमे प्रदेश में उपलब्ध सभी प्रोडेक्ट फिर वो कोई भी हो ढोकरा आर्ट से लेकर सब कुछ गोबर के कंडे भी इसके मद्देनजर इसका प्लान है।

https://kharidibikri.com/

खरीदी-बिक्री.कॉम


हमर फाउंडेशन
इसके बारे में ज्यादा नहीं बताऊंगा क्यों की यह एक अलग मकसद के अन्तर्गत है इस ग्रुप में मेरे एक CA मित्र है इसके बारे वो सब जानते है समय आने में उपयोग करेंगे।

https://hamarfoundation.com/

हमर फाउंडेशन


“हमर कलेवा.कॉम”
यह ऐसा पोर्टल है जिसमे छत्तीसगढ़ से सम्बंधित सभी प्रोडेक्ट जैसे बरा-बोबरा या गुजिया-ठेठरी, खुरमी और भी छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को स्थान देना फिर वो दही मिर्ची हो या फिर बिजौरी-पापड या फिर बरी अदौरी बरी, ऐसे सभी के लिए यह पोर्टल डिजाइन किया गया है जिससे विदेश US या इंग्लैंड में बैठा व्यक्ति भी छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की इच्छा रखता है तो सीधा हमर कलेवा.कॉम में आये उसे सब एक ही स्थान में मिल जायेगा। तो यह है “हमर कलेवा.कॉम”

हमर कलेवा.कॉम

https://www.hamarkalewa.com/


 न्यूज़0पॉइंट, मै और मेरा एक मित्र ऐसे ही खबरों के सम्बन्ध में बात कर रहे थे तभी कुछ ऐसा हुआ की खबर न्यूज़ की बात चली जिस पर उसने कहा की खबर 0 पाइंट से आई है तभी से इसका प्लान आया।

और न्यूज़0पॉइंट https://news0point.com/ को एक Corporate स्टाइल में जिसमे सब कुछ धर्म से लेकर राजनीति और वीडियो ऐसा सब समाहित हो इस तरह के लिए रखा गया है फिलहाल प्लान मेरे पास है लेकिन मूर्त रूप में आने में टाइम लगेगा क्यों की Corporate स्टाइल में इसे चलाने के लिए मैन पावर और साथ साथ खबरों का भण्डार भी चाहिए सो अभी ये रोका गया है।

https://news0point.com/

 न्यूज़0पॉइंट


 

 


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तो सभी आदरणीय यह है मेरा काम वो ठीक है की मै अभी हाशिये में हु तो पहचान को तरस रहा हु वरना आप ही इन सभी को मोबाईल एप्लीकेशन से जानते और यह आपके हाथों में होता।

यह सब मै कोई अकेले नहीं किया मेरे तीन स्तम्भ है वो बात अलग है की कुछ पीछे छूट गए कुछ साथ है। एक मेरे गुरु,दोस्त और दुश्मन जी बिलकुल सही कहा वो मेरे दुश्मन भी है चलिए बताता हु, वे एक उच्च पद में कार्यरत है सो मेरे लिए वे गुरु के समतुल्य ही है, दूसरे दोस्त ऐसे की हम सभी तरह की बात शयेर कर लेते है फिर वो गाली ही क्यों न हो और तीसरा वो मेरे सबसे बड़े आलोचक है मुझे सही आलोचना के माध्यम से मार्ग दिखते है, जब भी कुछ प्लान किया उसे बताने पर उन्होंने सही और एकदम सटीक मार्गदर्शन दिया राह बताई He Is A IAS मटेरियल। तो उनके साथ ही बैठ के इन सब को अंतिम मूर्त रूप दिया मैंने हालांकि मुख्य प्लान और नाम दोनों मेरा है बाकी सर ने पूरी मदद की।

अब दूसरे मेरे एक और मित्र जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर है वो भी बड़े प्रोजेक्ट में जुड़े है लेकिन मेरे जितने प्लान है बस उनको जा के बताऊंगा और जवाब मिलेगा देखते है लेकिन कुछ दिन में वो उसे पूरा कर ही देंगे ऐसे है मेरे दूसरे स्तम्भ।

और तीसरा है एक साथी लड़की जिसमे अद्द्भुत क्षमता थी, सीखने की ललक थी अब अभी वो हुनर बाकी है की नहीं न पता लेकिन मैंने उसे गीली मिट्टी से प्रतिमा के मूर्तरूप में गढ़ा था हमें जिस प्लान में काम करना होता बस 2 -4 बार में ही वो बिलकुल समझ के जिम्मेदारी से कर लेती और जब कभी हम कहीं अटकते तो मेरे सॉफ्टवेयर इंजीनियर मित्र पूरा रास्ता तरीका सब बता देते। तो वो भी अभी वर्त्तमान के भौतिक आनंद में कहीं लीन होगी। ऐसे में आँख के अंधे को दिन में भी रौशनी नहीं दिखा सकते ऐसा हाल उसका।

अब आप ये बिलकुल न समझिये की ये कोरी बकवास है या दिमागी उपज, चलिए और बताता हु, प्रदेश में सरकार बदलते ही अखबार में एक खबर प्रकाशित हुई की एक जिलाध्यक्ष कलेक्टर अपने सगे सम्बन्धी के नाम से 21 लाख रु प्रति माह इसी योजना के नाम से उठा रहे थे। जो मेरी ही योजना की कॉपी था। वो भी सिर्फ एक जिला अब बाकी आप समझ जाइये।

इस सब के बाद दो और ऐसे प्लान प्रोजेक्ट है जिन्हे यहाँ नहीं रखा गया है वो इस पटल में नहीं है ऐसा इस लिए क्यों की वो कॉपी पेस्ट कर दिए जाते है, बिलकुल बकवास न समझिये वो दोनों प्रोजेक्ट इतने बड़े है की किसी को जानकारी लगते ही उसका लाभ वो ले लेगा और अभी पूरा चुनावी समर है तो ऐसे में सभी योजनाओं को ठन्डे बस्ते में रहने देना ही ठीक है। लेकिन अगर कोई ये सब पढ़ के कॉपी पेस्ट कर भी लेंगे तो भी मेरा दिमाग तो कॉपी नहीं कर पाएंगे जितना दिख रहा है उतना ही कर पायेगा वह।

तो यह सब है प्लान और आज नहीं तो कल एक दांव जरूर खेलूंगा पिछले 8-10 साल से इन को बनाये रखने में पैसा समय दिमाग तो बहुत लगाय खर्च भी बहुत हुआ, वर्त्तमान में ठीक ठाक र्कज में डूबा हु फिर भी हार नही माना एक बार इसको और वो दोनों को एक स्थान में प्रजेंट कर के ही रहूँगा फिर आगे कुछ हो या नहीं बात की बात है, बाकी महादेव की जैसी इच्छा।

वर्तमान में मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है पाने के लिए सारा…..कुछ चीजों से बांध हुआ हु नहीं तो….. सच बताता हु बिलकुल सच मेरी कोई बड़ी लायबिलिटी है मेरे नाम पर 2 एक्टिवा के अलावा कुछ नहीं, जिसे कभी भी कही भी फुक दूंगा। विपक्ष को पिछले ढाई साल से बता रहा था की प्रदेश में धान खरीदी कोई प्रदेश सरकार नहीं करती वो सिर्फ बिचौलिया की स्थिति में है यह पूरा खेल कैसे खेला जाता है वो भी बता दूंगा जिसे हाल में ही Pm मोदी जगदलपुर में खुद बोल गए। लेकिन विपक्ष उसको भी भुना नहीं पाया और वे सब इतने घोड़े में सवार है की कुछ नहीं कहा जा सकता और इनमे कोई सामजस्य भी नहीं।

फिर कहता हु प्रदेश की वो श्री धन्वंतरि जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना’ 72 प्रतिशत दवाई की छूट की योजना हो, युवा बेरोजगारों को महगाई भत्ता हो या फिर गोबर खरीदी हो, वो गोबर पेंट की योजना हो या फिर मुख्यमंत्री वन सम्पदा योजना जिसमे साल भर में कुछ 18 हजार रूपए का प्रावधान है इससे कहीं ज्यादा तो वो महीने में कमा लेगा या फिर खूबचंद बघेल स्वास्थय योजना, आवास योजना या केंद्र की आयुषमान योजना जिसका लाभ प्रदेश में क्यों नहीं मिल रह जा कर पूछिए किसी से, तो ऐसे प्रदेश में संचालित लगभग सभी योजनओं का यही हाल है मै सभी का पूरा खांका खींच दूंगा सब के सब सिर्फ नाम में है बाकी आप समझदार है कम बोलता हु ज्यादा समझ लीजिये।

अभी चुनावी समर परवान चढ़ने वाला है लेकिन विपक्ष के पास कोई प्लानिंग नहीं है, “इनके वोटर गांवों और गलियों में है ये शहर में हुड़ंग हो हल्ला मचाये हुए है” जनता तक पहुँच बना ही नहीं पा रहे है।

तो मैंने सभी में बहुत मेहनत की बहुत सीमित संसाधनों में ये सब खड़ा किया जिसमे से कुछ प्रदेश स्तर के है कुछ देश, वो और बात है की उन्हें उचित स्थान नहीं मिला या यु कहें सरकारें बदल गई और उनकी प्राथमिकता कुछ और थी बताने की जरूरत नहीं। ऐसे में आप भी जानते है की सरकारी खाद के बगैर पौधा पेड़ नहीं बनता। सो सब ऐसे ही चल रहा है। अब फिर चुनावी वर्ष है सो फिर इंतज़ार ही है।

बीच में नीतिन गडकरी जी को नागपुर के एक आयोजन में सुना बहुत प्रभावित हुआ, उनकी वाणी में ईमानदारी है सच्चाई है, वर्तमान में जो कोई राजनैतिक जीवन में है या कभी राजनीति करना चाहता है उसकी वाणी में इतनी ही ईमानदार सच्चाई होना चाहिए। सरकार की बहुत सारी योजना चल रही है सभी में सरकार बांटती है लेकिन मेरे पास एक योजना है जो किसी भी सरकार की तिजोरी भर सकती है रेवेन्यू जनरेट कर सकती है जिससे पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा और इनकम भी,  यहाँ एक शख्स है जो इसमें मेरी मदद कर सकते है।

तो आप सभी श्रीमान, फिर से आप सभी को नमस्कार ज्यादा कहना बोलना ठीक नहीं सरकारों को सवाल पूछने वाले बोलने वाले लोग पसंद भी नहीं है, है तो उन्हें भी गूंगे और रबर स्टेम्प की दरकार है जो सिर्फ उनके लिए अच्छा बोले अच्छा लिखे लेकिन शायद मै उस प्रजाति में नहीं हु। प्लान करना कसरते रहना स्वभाव में है फिर कुछ नया बनाएंगे आप सभी माननीय भी ध्यान से पढ़िए मेरे लिए कुछ सुझाव शिकायत हो सदर आमंत्रित करता हु आप सभी भी मदद कर सकते है निचे बार कोड लगाया है, हो सके तो जो मदद करना चाहे कर सकते है।

फिर आप सब से कहता हु सुरक्षित रहिये पढ़ते रहिये आपने आसपास देश में जो चल रहा है खबर में रहिये आप सब भी राजनैतिक जीवन में कुछ करना चाहते होंगे हम आपकी पूरी मदद कर सकते है सोशल मिडिया में जुड़े रहे अपडेट रहे नॉलेज कभी खाली नहीं जायेगा कही न कही काम ही आएगा।

“समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध।

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की ये कालजयी पंक्तियाँ के साथ समाप्त करता हु।

 

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