सफरनामा में …..

श्री गणेशाय: नमः

 

दोस्तों आप सभी को नमस्कार, मैंने कुछ दिन पूर्व “आपसे आपकी ही बात” में कहा था कि जो मै कर रहा हु वो मेरा काम नहीं है न ही मेरी प्रकृति को ये मैच करता है मै कुछ और ही के लिए हु, वो मेरी पसंद है। तो आज आप सभी से साझा करता हु की मै क्या करता हु और मेरी पसंद क्या है,और क्या क्या है मेरे काम।

जी बिलकुल नहीं चौकिये मै कोई जादूगर नहीं ना कोई टोपी से कबूतर या छड़ी से रुमाल या रुमाल छड़ी जैसा कोई करतब दिखाऊंगा बस छोटी छोटी ख्वाइश है जिससे जीवन की जरूरते पूरी हो जाये और परिवार का भरण पोषण।

मवाद जिससे दुर्गन्ध आती है मै भी घृणा करता हु, फूल जिससे सुगंध आती है मुझे भी प्यार है।
तन ढकने और पेट भरने और के लिए पैसे की जरूरत होती है, और पैसे का काम पैसे से ही होता है।

शाबाशी से न तन ढकता है न पेट भरता है।

ये है जीवन की सचाई……

चलिए चलते है नए सफरनामा में …..

* सबसे पहले मेरा जो काम है वो है भारत न्यूज़ सर्विस यह एक पत्रकारों का समूह है जिसमे प्रदेश-देश से पत्रकार जुड़े हुए है, अपनी सेवाएं देते है। यह एक स्थापित 14 साल से संचालित न्यूज़ सर्विस है जिसने पिछली
सरकारों को अपनी सेवाएं दी और वर्तमान में भी पूर्णतः पूर्ण प्रवाह (full flow) से संचालित है। Google Analytics की माने तो करीब 260,000 या कभी 160,000 युसर के साथ अपना कुनबा समेटे हुए है।

तो एजेंसी-सर्विस क्या है मै सरकार को क्या देता हु या क्या दे सकता हु या इससे सरकार को क्या लाभ होगा। इन इस सब पर फिर कभी विस्तार से चर्चा करूँगा।

* दूसरा मेरा प्रमुख फोकस रहा इस योजना पर मेरे एक घनिष्ठ मित्र है वो मेरे गुरु भी है दोस्त भी है और दुशमन भी, चौकिये नहीं समझाता हु ” एकवचलि he इस IS मटेरियल” जी बिलकुल सही कह रहा हु उनका नाम इस पटल में लेना उचित नहीं होगा लेकिन जिक्र न करना नाइंसाफी होगी। तो वे मेरे गुरु मतलब मार्गदर्शक, दूसरे दोस्त मतलब मित्र जिनसे सभी तरह की बात शेयर कर लो, और तीसरे मेरे दुश्मन तो दुशमन से मेरा आशय वो दुशमन से नहीं बल्कि अच्छे आलोचक से है इस लिए यह शब्द यूज़ किया।

तो मेरा फोकस योजना में था माननीय नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनते ही देश में योजनाओं की झड़ी लग गयी, जी हाँ किसी देश में कोई क्रेन्द्र सरकार इतनी योजनाएं नहीं चला रही है, किसी भी देश को उठा के देख लीजिये, जितनी योजनएं हमारे देश में चल रही है उतनी योजना किसी देश में नहीं चलाई जा रही होगी। इसके अलावा भी कई प्रदेश सरकारें बहुत अच्छी योजनाएं संचालित किये हुए है।

तो जब प्रधानमंत्री मोदी जी ने केंद्र में सत्ता संभाली और वे US दौरे में एक बार बात कही ” की मै बोलने से डरता हु, ज्यादा बोलने से डरता हु बिलकुल डरता हु की कहीं गलती से भी मेरे मुँह से कोई ऐसी बात न निकल जाए जिससे देश का नुक्सान हो जाये। में ये थे PM मोदी जी के वाक्य ।

फिर प्रधानमंत्री मोदी ने देश में कई मंचों में कई बार अपने सभी सांसद मंत्री विधायक, सभी से यह बात कही और आज भी कहते रहते है की, उनसे आग्रह करते है की वे केंद्र द्वारा चलाई जा रही योजनओं को जन-जन तक पहुंचाएं जनता को उनसे अवगत कराएं योजनओं का लाभ दिलाएं, आज भी प्रधानमंत्री जी के कई जगहों के उद्बोधन में यह सुना जा सकता है। लेकिन बेबस हमारे मंत्री-सांसद बेचारे करे तो क्या करे जब योजना के बारे में जानकारी हो तो ही बताएंगे न, जब जानकारी ही नहीं तो बेचारे बताएं क्या, ये उनकी परेशानी है। इसलिए कई बार आधी अधूरी जानकारी के साथ जनता के बीच होते है और स्थिति विकट होती है। इस लिए जानकारी के अभाव में जनता योजना के बारे में na जान ही  पाती और लाभ से वंचित रह जाती है। फिर भी कुछ महानुभाव अपवाद है वे पढ़ लिख लेते है। लेकिन कहते है ना अपवाद कभी उदाहरण नहीं होते।

आप ये बिलकुल मत सोचिये की मै कुछ बकवास कर रहा हु, जी बिलकुल नहीं, बताता हु purv ke भाजपा शासन में इसी तरह योजना के प्रचार के लिए एक कलेक्टर महोदय 21 लाख रु हर महीने खर्च कर रहे थे जिसक  khulasa सरकार बदलते ही हुआ। अब समझ जाइये की मेरी ये योजना है क्या।

https://bharatyojanamitra.com/

तो साहब “भारत योजना मित्र” उसी परिपेक्ष में बनाया, इसमें नाम की एक अलग ही कहानी है फिर कभी बताऊंगा, लेकिन भारत योजना मित्र कोई साइट नहीं बल्कि वो देश-प्रदेश के सभी योजनओं का संकलन एक मात्र स्थान है जंहा वह संकलित है जिसे आज सरकार ने शुरू किया “सिंगल विंडों” जी हाँ आप मेरे साइट का रजिस्ट्रशन देखिये कोई 8 साल पुराने है, तो “भारत योजना मित्र” में सभी योजनओं को सिंगल विंडो में पिरोया गया है फिर क्या क्रेन्द्र सरकार या राज्य सरकारें सभी की जो भी अच्छी योजना है यंहा समाहित है, उसे पढ़ सकते है उसका लाभ लें सकते है।

“भारत योजना मित्र का उद्देश्य सिर्फ योजनओं का प्रचार-प्रसार तक सीमित नहीं बल्कि उन योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाना उन्हें अवगत कराना उनमे आ रही बाधाओं को दूर कर अभ्यार्थी तक उसका लाभ पहुँचाना है। इस उद्देशय के साथ ये डिजाइन किया गया है ये है इसका पूरा कार्य।

 

 

मेरे इन सभी प्रोजेक्टों में 2 नाम और है एक जो सॉफ्टवेर इंजिनियर डेवलेपर “रविंद्र” वो भी एक अलग ही है कुछ अलग ही, प्लान मै तैयार करता इंप्लीमेंट वो करते जब कभी उन्हें बतात की ये करना है उनकी डिक्सनरी में नहीं होता नहीं लेकिन हाँ भी कहते नहीं, बस रटा रटाया जवाब मिलता देखना पड़ेगा लेकिन कुछ दिन में कितना भी असंभव प्लान हो वो परलक्षित होते दिखाई देने लगता। रविंद्र और मुझमे एक समानता है हमने अपना जीवन गोबर की तरह रखा जहाँ जब जिससे सिखने मिला सीखा जैसे गोबर जहाँ भी गिरता है सब ले कर उठता है बिलकुल वैसे ही क्या छोटा क्या बड़ा क्या अनपढ़ सभी से फिर सिखने की कोशिश की। इस लिए कितना भी असंभव प्लान हो रविंद्र भाई उसे पूरा कर ही देते।

इस तरह एक और है मेरी बहुत करीबी सहयोगी रानी जो वर्तमान में वैवाहिक जीवन के आनंद में लीन है ख्वाब बड़े है लेकिन हाथ खाली है इन्होने कंप्यूटर के C नहीं K के शुरुवात की और आज मेरे बिहाफ में मेरा काम बखूबी देख सकती है। लेकिन अब दूर है सो मुझे ही सब संभालना पड़ता है।

 

 

 

 

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