शुभ रविवार,… सभी दोस्तों को नमस्कार,…
मित्रों कैसे है आप सभी दोस्त, आप सभी ग्रुप मेम्बर को पुनः नमस्कार, आप सभी बहुत अच्छे है शायद मै इतना अच्छा नहीं, ग्रुप में आप सभी का बहुत बढ़िया प्रतिसाद-साथ मिला मुझे इतना बढ़िया की मै बता नहीं सकता लेकिन यंहा तक आने के लिए आप सभी दोस्तों को धन्यवाद, बहुत जरुरी बात की मै ये ग्रुप पूरी तरह बंद कर रहा हु बिलकुल बंद सही सूना आपने।** ये सब न तो मेरी प्रकृति को मैच करता है और मेरे नाम को तो बिलकुल ही नहीं, तो माफ़ कीजियेगा आप सभी ने जो मुझे अनमोल समय दिया उसके लिये बिलकुल हाथ जोड़ के आप सभी से माफ़ी।
कुछ अच्छी बातें बत्ताता हूँ शायद आपके काम आये, वैसे आप सभी कृष्ण है मै तो सिर्फ एक सुदामा, तो मैंने इस ग्रुप में बहुत से फ्रेंड ऐड किये लेकिन सिर्फ कोई 4 ग्रुप मेम्बर लेफ्ट हुए सिर्फ 4 उनकी बात बाद में बताऊंगा।
तो मै आपको बताता हु यह ग्रुप कैसे चालू किया मै एक पत्रकार, हु विभाग में गया मुझसे पूछा गया की आपका सोशल मीडिया और वहाट्सप ग्रुप अकाउंट कितने है बताइये शेयर कीजिये, मै बिलकुल भांप गया वे क्या चाह रहे है हलाकि ये सब मेरा काम करीब दस साल पुराना है बिलकुल सच कहता हु मेरे टिवटर और फेसबुक देखिये सभी पुराने मिलेंगे जिसे मैंने उपयोग नहीं किया लेकिन बना रखा था। अभी इनके कहने में फिर से Continue किया तो में उनकी बात भांप गया, लेकिन वंही एक बात और की व्हाट्सएप में बार-बार मेसेज से मै बहुत चिढ़ाता हु जरुरी खबर है तो करिये वरना सीधा ब्लॉक…… तो बिलकुल उन्हें फ्री में प्रचार-प्रसार चाहिए वो भी बिलकुल मुफ्त, कोई 10 या 20 हजार के मेहनताने में और वो भी महीने भर के लिए जिसका पेमेंट भी 15% काट के महीनों बाद मिलता है।
लेकिन वे नहीं जानते कि मै कई हजार की नौकरी छोड़ के अपना काम चालु किया मै कभी नौकरी कर ही नहीं पाया, किया भी तो बहुत अलप समय के लिए मेरे एक आदरणीय है उन्होंने मुझेसे कहा रविकांत जी एक अखबार खड़ा करना है मेरा जवाब था जी सर हाँ हो जायेगा, और मैंने वो कर दिखाया तब मेरी तनख्वा करीब 40 हजार और कोई 5हजार के हिसाब से एक साथ साल में 50 हजार ले लेना उनका जवाब था, बस इतनी तन्खवा में कोई 8 -10 महीने काम किया फिर बिदा…., तो मैंने राजधानी में कुछ दिन जॉब किया लेकिन मेरा पास उस समय भी एक अख़बार था नाम “हमर छत्तीसगढ़”। जी हाँ वो मेरा ही अखबार था मै ही उसका सम्पादक और मालिक था।
अब जो अख़बार मैंने खड़ा किया वो आज फ़ाइल कॉपी में जिन्दा है। ये बात करीब 10-15 साल पुरानी होगी। तो साहब मै आपकी ये गदम-हमाली (विभाग केलिये) नहीं करूँगा बिलकुल नहीं मेरे शब्द इतने सस्ते नहीं की मै इन्हे यु ही बिखेर दू परोस दू। बहुत सोचता समझता हु तब कहीं जा के कोरे कागज को कला रंग पाता हु। तो साहब अब ये सब बंद।
आप सभी ने दो शब्द सुना होगा एक ‘प्रारब्ध’ और प्रयोजन दोनों ही खास है तो मेरा ऐसा मानना है की हर व्यक्ति का जन्म किसी प्रयोजन के लिए हुआ है, वो बस उसे पहचाने बस, फिर देखिये सफलता आपके क़दमों में होगी।
मेरा जन्म ये सब करने के लिए नहीं हुआ है बिलकुल नहीं, तो मेरी इन सब के लिए ना है। बहुत से लोगो को ये पता ही नहीं होता है की उनका जन्म क्यों हुआ है और उन्हें क्या करना है और जब तक उन्हें ये ज्ञात होता है बहुत देर हो चली होती है।
मेरे माँ बाप ने यु ही मेरा नाम रवि नहीं रखा, हर व्यक्ति के जीवन-व्यक्तित्व पर उसके नाम का गहरा प्रभाव होता है, बिलकुल गहरा जैसे मेरा नाम रविकांत है रवि मतलब प्रकाश मय प्रकाश फैलाना प्रज्वलित करना। कभी मैंने LLB के बाद आकाशवाणी में भी कुछ दिन काम किया युवावाणी प्रोग्राम करता था, तब मेरे पिताश्री ने पूछ की इससे कितना मिल जाता है, जवाब था कोई 2500 – 3000 तब भी मुझे आकाशवाणी में काम करने से रोका गया था, लेकिन वंहा पैसे से ज्यादा अनुभव मिला मुझे।
तो दोस्तों न मै डरा हु न थका हु, लेकिन हां आप सभी ग्रुप मेम्बर से मुझे बहुत्त डर लगता है बहुत डरता हु मै। क्योंकि आप सभी बहुत बड़े बड़े लोग यंहा जुड़े हुए है, जिसका जिक्र मै पहले भी कर चूका हु की ये ग्रुप कोई मामूली ग्रुप नहीं है, “सुपर इन्टवलेचल” लोग यंहा ऐड है। चलिए दूसरे तरीके से समझाता हु आपके लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी वर्ष 26 मई 2014 को देश के प्रधानमंत्री बने और उसके बाद वे US दौरे में गए वहां उन्होंने किसी समिट में कहा था ” की मै डरता हु बोलने से डरता हु, ज्यादा बोलने से डरता हु की कहीं मेरे मुँह से कुछ ऐसा न निकल जाए जिससे देश का नुक्सान हो जाये।” ये है वो घटना, बिलकुल वही हाल मेरा है।
तो आखरी संपादकीय लिखूंगा फिर सब बंद ये सब काम बंद, ये उन सभी को मुबारक, वे तथाकथित एजेंसी-सर्विसेस जो यंहा हर महीने लाखों में भुगतान पा रहे है वे करे उन्हें मुबारक मै तो बिलकुल नहीं, सच कह रहा हु प्रदेश राजधानी में बहुत से लोग फ्री फंड में ये सब काम में लगे है वो भी बिना सोचे समझे, सब इस को अंजाम दे रहे है, बाढ़ सी आयी है, और यही सब व्हाट्सप सोशल मीडिया में अपना दिमांगी कूड़ा करकट (न्यूज़ )बिखेर रहे है तो मै ये सब नहीं करूँगा मेर इन सब में कोई इंट्रेस्ट नहीं और कम से कम आपके दिमांगी कूड़ा करकट को मै साफ़ करता रहूं, ये तो बिलकुल नहीं। तो ग्रुप साथियों यंहा तक साथ देने के लिए आप सभी का धन्यवाद।
वो 4 मेंबर की कहानी बता देता हु जिसमे से एक वो है जिसे मैंने दिल्ली में एक न्यूज़ चैनल में इनपुट हेड की नौकरी में भेजा था मेरी जगह, दूसरा वो है जो मेरे द्वारा अधिमान्य है 3 – 4 कहानी भुला दीजिये आप खुद समझ जाइये कैसे होंगे, दुनिया ऐसे अहसान फरोश लोगों से भरी पड़ी है। एक आखरी संपादकीय लिखूंगा बिलकुल उसके बाद सब बंद, आप सभी को कुछ दिखाऊंगा की मै क्या काम करता हु और देश-प्रदेश को मै क्या दे सकता हु, और यह भी बताऊंगा की प्रदेश में चल क्या रहा है। पढियेगा जरूर खास तौर पे विपक्ष के लिए भी ख़ास होगा। तो मेरा काम ये सब नहीं।
चलते चलते एक और बात का जिक्र जरुरी है सरकार बदलते ही मुझे मेरे ससुराल वाले न्यू cm बिलकुल न्यू, जिन्हे खुद विश्वाश नहीं था की वे इस प्रदेश के Cm बन गए है, से मिलाने ले जाया गया, थोड़े इंतज़ार के बाद साहब प्रकट हुए, मामला घरेलु था मुझे मिलवाया गया साहब ने आंख मीचि और बोले भाजपा के शासन में तो बहुत कमाया होगा मेरा जवाब था नहीं बिलकुल नहीं मैंने उल्टा विभाग की मदद की ऑपरेटर कंप्यूटर प्रिंटर दिया। साहब बोले —– से मिलना उन्होंने उनसे कहा घर का मामला है देख लेना। लेकिन आज तक कोई माई बाप नहीं मिला …. न कोई बात बनी।
तो मै आज बताता हु साहब पत्रकार ,पत्रकार होता है । न बीजेपी न कांग्रेस का, हाँ उसकी व्यक्तिगत विचारधार किसी संगठन व्यक्ति, देश या पार्टी के लिए हो सकती है लेकिन कलम, कलम निष्पक्ष होती है। वे और लोग होंगे जो कवच या लबादा ओढ़े इसमें लगे होंगे, मै नहीं।
और जी हाँ मुझे पता है कि मैं दो गलत काम कर रहा हु बिलकुल जानता हु, एक तो मुँह खोल रहा हु और दूसरा धूम्रपान,,,,.और दोनों स्वस्थ के लिए हानिकारक है , फिर सरकार को तो मुँह खोलने वाले बिलकुल ही पसंद नहीं , तो मुँह बंद रखिये, शायद राजपाल भी बना दिये जाएँ आप ।
***आप सभी का धन्यवाद बस थोड़ा इंतज़ार कीजिये आखरी पोस्ट डालूंगा .. फिर सब बंद।