सामाजिक वोटों का बिखराव रोकने कांग्रेस ने बनायी रणनीति
बिलासपुर। लोकसभा चुनाव में सामाजिक वोटों के बिखराव को रोकने के लिए कांग्रेस ने इस बार पुख्ता रणनीति तैयार कर ली है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को उनके ही अंदाज में जवाब दिया देने कार्ययोजना बना ली गई है। समाज स्तर पर छोटी-छोटी समितियां बनाई जाएंगी। इसमें समाज प्रमुखों को जोड़ा जाएगा। इसके बाद समाज के बीच इन चेहरों को सामने रखा जाएगा। फिर शुरू होगा गोपनीय बैठकों का दौर। समितियां तीन दिन के भीतर तैयार करने आलाकमान ने फरमान जारी कर दिया है। आरएसएस के ताना-बाना के जानकारों ने कुछ इसी अंदाज में इस बार चुनावी कैंपेनिंग का निर्णय लिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम ने देश के साथ ही छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों में जातिगत समीकरणों के आधार पर होने वाले वोटों के ध्रुवीकरण और इससे बनने वाली स्थिति का आंकलन करने के बाद आरएसएस की तर्ज पर इस बार चुनावी कैंपेनिंग करने का खाका तैयार किया है। लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में जातिगत समीकरणों का आंकलन करने के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसके अंतर्गत ऐसे जाति समूह जिनकी आबादी सबसे ज्यादा है और ऐसी जातियां जो कम संख्या में होने के बाद भी चुनाव में प्रभावी भूमिका निभाते हैं को लेकर कार्ययोजना बनाई है। बड़ी और छोटी जाति समूहों के बीच छोटी-छोटी समितियां बनाने और समितियों में समाज के प्रभावी व्यक्ति जिनकी बातों का असर समाज के बीच होता है। उनको शामिल करने पर बल दिया है। समिति बनने के बाद समिति के सदस्य अपनी जातियों के बीच लो प्रोफाइल में पहुंचे व उनसे सीधी बात करें। टीम राहुल की रिपोर्ट के आधार पर पूरे देश में इसी आधार पर चुनावी कैंपेनिंग करने का निर्णय लिया है। कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रदेश के सभी 11 लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 90 विधानसभाओं में जाति के आधार पर छोटी-छोटी समितियां बनाने और समिति के पदाधिकारियों को अपनी जातियों के बीच चुनाव प्रचार में झोंकने का फरमान जारी किया है। आलकमान के निर्देश की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के 11 लोकसभा क्षेत्रों में जाति के आधार पर समितियां बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।