नई दिल्ली। संसद में चल रहे मानसून सत्र के बीच केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसान संगठनों का आंदोलन अब तेज हो गया है। पिछले आठ महीनों से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान इन दिनों जंतर-मतर पर ‘किसान संसद’ चला रहे हैं, जिसमें सोमवार को बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। वहीं, किसानों के आंदोलन को राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है। सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे।
अगर खेत बेचने पर मजबूर करोगे, तो ट्रैक्टर संसद में चलेगा- सत्य की फ़सल उगाकर रहेंगे!
कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो।#FarmersProtest pic.twitter.com/19PnIRet4U
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 26, 2021
इस दौरान राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं संसद में किसानों का संदेश लेकर आया हूं। मोदी सरकार किसानों की आवाज दबा रही है और संसद में कृषि कानूनों पर चर्चा नहीं होने दे रही। सरकार को किसान विरोधी इन तीनों काले कानूनों को निरस्त करना होगा। पूरा देश जानता है कि ये कानून केवल देश के 2-3 बड़े कारोबारियों के पक्ष में हैं।’
किसानोंके हक में,
काँग्रेस मैदान में |#FarmersProtest @RahulGandhi pic.twitter.com/rztjhNdKCJ— Kunal Patil (@Kunal_R_Patil) July 26, 2021
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों के अलावा संसद में भी सरकार को विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को संसद भवन परिसर में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के सांसदों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं, दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले कई दिनों से किसानों की संसद भी जारी है। किसान संगठनों के तय कार्यक्रम के मुताबिक सोमवार को दिल्ली पहुंची महिलाओं ने संसद का संचालन किया। किसान संगठनों का कहना है कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होते, उनका आंदोलन जारी रहेगा। दूसरी तरफ सरकार ने कहा है कि किसान अपना आंदोलन खत्म कर इस मुद्दे को बातचीत के माध्यम से सुलझाएं।
