न्यूज़ डेस्क। कोरोना की पहली लहर के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरी कमान अपने हाथों में ले रखी थी। उनके अथक और सजग प्रयासों का नतीजा रहा कि समय रहते कोरोना को बेकाबू होने से रोका गया, बल्कि उस पर नियंत्रण करने में सफलता भी मिली। लेकिन जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों को बड़ी जिम्मेदारी दी, गैर-भाजपा शासित राज्यों ने अपने कुप्रबंधन, लापरवाही और सियासत की वजह से कोरोना की दूसरी लहर को दावत दे दी। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों के पास दूसरी लहर से निपटने की कोई कारगर नीति नहीं थी। इसको बढ़ावा देने में इन राज्यों का प्रमुख योगदान रहा। इन राज्यों ने पहले कोरोना वैक्सीन और टीकाकरण अभियान के खिलाफ माहौल बनाया। साथ ही कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में लापरवाही बरती। यहां तक कि ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर केंद्र सरकार को गुमराह किया।
जब ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीज दम तोड़ने लगे और हालात बेकाबू होने लगे तो ऑक्सीजन की मांग को बढ़ा-चाढ़कर पेश करना शुरू कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई ऑक्सीजन ऑडिट रिपोर्ट से पता चला कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की थी। केजरीवाल सरकार की फर्जी और बनावटी मांग की वजह से 12 अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ा। इसके बाद गैर-भाजपा राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के आंकड़ों में भी घोटाला कर दिया। मौतों के आंकड़े छुपाकर और झूठे आंकड़े भेजकर केंद्र सरकार और देश की जनता को भी गुमराह कर दिया। लेकिन उस समय मीडिया में प्रकाशित हुईं खबरें आज उनके झूठ की पोल खोल रही है।
ऑक्सीजन की कमी से हुईं मौतें, गैर-भाजपा राज्यों ने छुपाए आंकड़े
- महाराष्ट्र के पालघर जिले में विनायक अस्पताल और रिद्धि विनायक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 10 मरीजों ने दम तोड़ दिया।
- छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लॉक में 4 मरीजों की ऑक्सीजन ना मिलने के चलते मौत हो गई।
- राजस्थान की राजधानी जयपुर में किटी कोनिक्स खंडाका हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म हो जाने के कारण 4 मरीजों की मौत हो गई।
- पंजाब के अमृतसर में ऑक्सीजन की कमी के कारण नीलकंठ अस्पताल में 6 मरीजों की मौत हो गई।
- दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 25 मरीजों की मौत हो गई।
- दिल्ली के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 12 कोविड-19 मरीज़ों की मौत हो गई।
- अप्रैल 2021 में झारखंड की राजधानी रांची में करीब 40 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की कमी से अपनी जान गंवानी पड़ी।
- पश्चिम बंगाल में बोलपुर जिले के रामपुरहाट जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण चार कोरोना मरीजों की मौत हो गई।
- तमिलनाडु के चेंगलपट्टु स्थित सरकारी अस्पताल में 13 मरीजों की मौत हुई। परिजनों ने इसकी वजह ऑक्सीजन की कमी बताया।
- तेलंगाना के हैदराबाद में किंग कोटि अस्पताल में एक ही परिवार के तीन मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई।
- आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित रुइया सरकारी अस्पताल में 11 मरीजों की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हो गई।