न्यूज़ डेस्क। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में पुलिस ने मौलाना यासीर अख्तर नाम के मौलवी के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किया है। मौलवी पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया पर समुदाय के लोगों से अपने घर की छतों पर और वाहनों पर फिलिस्तीन का झंडा फहराने की अपील की।
मौलाना पर आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। आजमगढ़ के एसपी सुधीर कुमार सिंह ने कहा, “हमारे संज्ञान में आया था कि सरायमीर क्षेत्र के उत्तरी चुरिहार कस्बे का निवासी यासीर ने अपने फेसबुक पेज ‘आजमगढ़ एक्सप्रेस’ पर एक अपील की, जिसमें शुक्रवार की नमाज के बाद समुदाय के लोगों से अपने घर की छतों और वाहनों पर फिलिस्तीनी झंडा प्रदर्शित करने को कहा गया था।”
उन्होंने बताया, “मौलवी के ख़िलाफ़ सरायमीर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद सर्विलांस सेल की मदद से उसे गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई चल रही है।”
उल्लेखनीय है कि इजरायल और हमास के बीच चले संघर्ष पर आजमगढ़ एक्सप्रेस ने 19 और 20 मई को अपना पोस्ट किया था। इसी के बाद पुलिस हरकत में आई और केस दर्ज कर मौलाना को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल आरोपित को जेल भेज दिया गया है।
शांति दूतों का देश विरोधी नया एजेण्डा!
*आजमगढ़: फिलिस्तीनी झंडा फहराने की मौलाना कर रहा था अपील, पुलिस ने किया गिरफ्तार@Uppolice महोदय जी बहुत ही शर्मसार कर देनी वालीं घटना देश द्रोही गद्दारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए pic.twitter.com/wyvW6kGQ1T— Om Prakash Rawat (@OmPraka43229608) May 21, 2021
इस बीच आजमगढ़ एक्सप्रेस पर इस संबंध में सफाई जारी की गई है। गुरुवार को शेयर किए गए पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर बताया गया है, “यह ब्रेकिंग थी गाजा के लिए। लेकिन लोगों ने अपने इलाके के बारे में ले लिया। जबकि आम बात है किसी दूसरे देश का झंडा भारत मे कैसे फहराया जा सकता है?”
हालाँकि, हमने जब इस पोस्ट की एडिट हिस्ट्री चेक की तो पाया कि वास्तविकता में 19 मई को रात 10 बजकर 46 मिनट पर इस पेज पर यही लिखा गया था, “शुक्रवार को जुमा बाद घर-घर पर और गाड़ी पर फ़िलिस्तीनी झंडा लहराने की अपील।” लेकिन, 20 मई को सुबह 9:09 पर मामले के तूल पकड़ने पर इसे एडिट कर दिया गया और आगे गाजा शब्द जोड़ दिया गया।
गौरतलब है कि 11 दिनों चले संघर्ष के बाद इजरायल और हमास संघर्ष विराम करने पर सहमत हो गए हैं। इन दोनों के बीच हुए संघर्ष में 200 से ज्यादा फिलिस्तीनियों और इजरायल में 12 की मौत हुई। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने युद्धविराम की घोषणा की और सुरक्षा कैबिनेट ने अपने बयान में इसे “आपसी और बिना शर्त” कहा।