महिला जेल एवं नारी निकेतन रायपुर में मनाया गया विश्व महिला दिवस

महिला जेल एवं नारी निकेतन रायपुर में मनाया गया विश्व महिला दिवस

रायपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश श्री राम कुमार तिवारी के निर्देश पर विश्व महिला दिवस के अवसर पर रायपुर की महिला जेल एवं शासकीय नारी निकेतन में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कर महिला दिवस मनाया गया। इन दोनों ही विधिक साक्षरता शिविरों में महिलाओं से संबंधित कानूनों की जानकारी दी गई और महिलाओं के द्वारा बताई गई विधिक समस्याओं का समाधान किया गया।

शासकीय नारी निकेतन में आयोजित हुये विधिक साक्षरता शिविर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.सी.) श्रीमती पूजा जायसवाल के द्वारा महिलाओं से संबंधित विभिन्न विधिक प्रावधानों की जानकारी दी गई और वहां मौजूद सभी महिलाओं को विश्व महिला दिवस की शुभकामनायें दी गई। नारी निकेतन में मौजूद महिलाओं ने इस विशेष दिन पर अपने बीच महिला न्यायाधीश के आगमन पर खुशी व्यक्त की।

इसी तरह प्राधिकरण के सचिव श्री उमेश उपाध्याय ने केंद्रीय जेल रायपुर के महिला सेल में मौजूद महिला बंदियों हेतु विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया। श्री उपाध्याय ने विचाराधीन एवं सजायाफता महिला बंदियों के अधिकारों के संबंध मंे विस्तार से जानकारी दी और कई महिला बंदियों की समस्या का समाधान किया। इस दौरान उन्होंने अपने उद्बोधन में महिलाओं के संबंध में निःशुल्क विधिक सहायता योजना, पीडि़त क्षतिपूर्ति योजना एवं संविधान में वर्णित महिलाओं के अधिकारों के संबंध में जानकारी दी। उद्बोधन के दौरान उन्होंने विभिन्न उदाहरणों का उल्लेख करते हुए महिलाओं को प्रेरित करने का प्रयास किया। उन्होने इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाये सिर्फ अपने अधिकारों पर ध्यान न दे, बल्कि इस बात भी ध्यान कि वे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से वर्तमान एवं भावी समाज और पीढ़ी की निर्माता है और नारी शक्ति ने यह दायित्व अपनी असीम क्षमताओं और योग्यताओं के कारण स्वयं ही अर्जित किया है। यदि महिलाये अपने इस दायित्व का निर्वाह करने से पीछे हट गई तो समाज की उन्नति असंभव है और समाज को भी महिलाओं के इस महत्व को समझना होगा, तभी समाज का संतुलन बनेगा और सच में समाज में समरसता आयेगी। श्री उपाध्याय ने कहा कि हम कई बार महिलाओं पर चुटकुले बनाकर हास परिहास कर लेते है, लेकिन हर घर की सच्ची मुस्कुराहट उसी रिश्ते से है, जो किसी नारी से जुडता है, फिर चाहे वो मां, बेटी, पत्नी, बहन या किसी भी रूप में हो। इसीलिये पुरुषों को भी चाहिये कि वे भी अपनी जन्मदायिनी, पालन पोषण करने वाली और जीवन में हर रंग भरने वाली नारी का सम्मान करें, तभी सही अर्थों में महिला दिवस मनाना सार्थक होगा।

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