नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर पिछले 70 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है। अब ये मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठाया जा रहा है, जहां कई बड़ी हस्तियों ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किए। वैसे किसान संगठनों का कहना है कि पूरी दुनिया की नजर उनके आंदोलन पर है, जिस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी हस्तियां इसका समर्थन कर रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर विदेश मंत्रालय का बयान इस पूरे मामले में अलग है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक कुछ ग्रुप निहित स्वार्थ के लिए किसान आंदोलन में अपना एजेंडा फैलाने में लगे हैं। ऐसा 26 जनवरी को भी देखा गया था। इन ग्रुप्स ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश की है। पहले भी सभी देख चुके हैं कि कैसे दुनियाभर को प्रेरित करने वाले महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ कई देशों में दुर्व्यवहार किया गया था। ये घटनाएं भारत और एक सभ्य समाज के लिए बेहद ही परेशान करने वाली हैं।
मंत्रालय ने आगे कहा कि कुछ बड़ी हस्तियों ने किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर ‘सनसनीखेज’ हैशटैग के साथ टिप्पणी की, जो गैर जिम्मेदाराना थी, क्योंकि भारत सरकार ने संसद में विस्तार से चर्चा के बाद संवैधानिक तरीके से तीनों कानूनों को पास करवाया है। इन कानूनों से भारतीय किसानों को फायदा पहुंचेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी करने वाली हस्तियों से हम आग्रह करते हैं कि पहले वो सही तथ्यों की जांच करें। इसके बाद वो सोशल मीडिया पर इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर अपनी बात रखें।
गौरतलब है कि मंगलवार को कैरेबियन पॉप स्टार रिहाना ने एक न्यूज का लिंक शेयर किया। जिसमें किसान आंदोलन और सिंघु बॉर्डर पर इंटरनेट बंद होने की खबर थी। उन्होंने लिखा- ‘हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे’? इसके साथ उन्होंने #FarmersProtest हैशटैग का इस्तेमाल किया। कुछ देर बाद पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) भी इस ट्रेंड में कूद पड़ीं। उन्होंने लिखा- ‘हम भारत में जारी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं’। इसके अलावा भी कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने ट्वीट किए हैं।