सवाल से पहले जवाब तैयार, ऐसे हैं ग्वालियर से पहुंचे आनंदेश्वर महाराज
राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला के संत समागम शुरू होने के बाद इसका दर्शन करने दूर दराज से लोग पहुंच रहे है। कोई बिना पूछे मन की बात बता देता है तो कोई शेर की छाल जैसा पोशाक धारण किया हुआ है। इसके साथ ही कई ज्योतिषाचार्य भी सन्त समागम स्थल पहुंचकर लोगों की समस्याओं का नि:शुल्क समाधान कर रहे हैं। इनमें से एक हैं ग्वालियर के आनंदेश्वर महाराज जो समास्या का सामाधान पहले से तैयार रखते हैं और समस्या बाद में सुनते हैं।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक व पौराणिक धर्मनगरी राजिम में माघी पुन्नी मेला के अवसर पर संत संमागम में लगातार लोगों का आगमन हो रहा है। श्री पंच दशनाम जुना अखाड़ा के सन्यासी, विभिन्न पंथ संप्रदाय के साधु संत यहां पहुंच रहे हैं। प्रदेश एवं आसपास के अन्य राज्यों से भी अनेक मठ के मठाधीश पहुंच रहे हैं। अलग अलग विशेषताओं वाले इन संतों के आगमन से धर्म नगरी और भी पावन हो गई है। आने वाले संतों के लिए समागम स्थल पर अलग अलग स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। संख्या बढऩे पर नगर के सामुदायिक भवन, चम्पारण में भी जगह आरक्षित की गई है।
समस्या का समाधान एक कागज पर
गंगा धाम ग्वालियर के गुरू आनंदेश्वर महाराज राजिम मेला में लोगों की उत्सुकता का कारण बने हैं। हालांकि वे पिछले वर्ष भी आए थे लेकिन इस बार इनके साथ और भी आचार्यों की टीम पहुंची है जो लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। आनंदेश्वर महाराज की विशेषता यह है कि वे समस्या लेकर पहुंचने वालों के समाधान पहले से तैयार रखते हैं। जो भी महाराज के पास समस्या लेकर जाता है उसके समाधान के रूप में पहले से लिखी हुई एक कागज उसे थमा देता है। इस कागज में उस समस्या का सटिक समाधान लिखा होता है। आनंदेश्वर महाराज के इस आध्यात्मिक शक्ति का हर कोई कायल हो रहा है।
नौ साल से मिर्ची खाकर जीवन यापन
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से आये ऐसे बाबा हैं जो पिछले नौ वर्षों से केवल दूूध पीकर व मिर्ची खाकर जीवन यापन कर रहे हैं। जिनका नाम आजीवन निराहार संत गौतम सिंह नागेश है। संत ने बताया कि वह नौ वर्षों से इसी तरह उपवास कर रहे हैं और चाहे गर्मी हो या फिर ठंड सप्ताह में दो दिन निर्जला उपवास भी रखते हैं। उन्होंने बताया कि वह भोलेनाथ के उपासक हैं जिनका मंदिर रोहणीपुरम, गोल चौक पर स्थित है। जहां रोहणीपुरम वाली माता एवं शिवशक्ति का मंदिर विराजमान है। राजिम मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की किसी भी समस्या का समाधान वे निशुल्क करते हैं।
00 अलौकिक प्रतिभाओं वाले संत पहुंचने लगे राजिम माघी पुन्नी मेला में