हैदराबाद। तत्काल ऋण (Instant Loan) देने वाले ऐप्स के खिलाफ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सरकारों की पुलिस ने हाल के दिनों में सख्त कार्रवाई की है। दोनों राज्यों की पुलिस ने दिल्ली सहित कई शहरों में छापेमारियां की हैं और कुछ लोगों को इस सिलसिले में गिरफ्तार भी किया है। अब CID की ओर से जो खुलासा हुआ है उसके मुताबिक इस तरह के अपराध का चीन से संबंध है। साथ ही RBI ने भी अपनी तरफ से लोगों को सतर्क किया है कि वो इंस्टैन्ट लोन देने वाली कंपनियों के झांसे में न आएं। महाराष्ट्र CID के अधिकारियों ने ताजा खुलासा करते हुए कहा है कि इन ऐप्स के जरिए ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारियां इकट्ठी की जाती है, और चीन से जुड़ी कंपनियों को साझा किया जाता है। मामले में CID को परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक सबूत भी हासिल हुए हैं। CID की तरफ से दावा किया गया है कि ऐप्स के सर्वर चीन में स्थित हैं। यही नहीं ऐप को संचालित करने वाला डैशबोर्ड भी चीन से ही संचालित होता है। मामले में CID ने चार कंपनियों पर छापेमारी की थी। इनमें तीन का संचालन चीन से होता है।
ये मामला तब तूल पकड़ा जब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुछ युवाओं ने ऐप्स के रिकवरी एजेंट की धमकियों से तंग आकर खुदकुशी कर ली। आत्महत्या से पहले शेयर की आपबीती में युवाओं ने बताया कि उनकी निजी जानकारी लोन देने से पहले ले ली गई थी। जब तय मियाद पर रकम नहीं चुक पाई तो निजी जानकारियों को सोशल मीडिया पर डालने की धमकी दी गई। बदनामी के डर से कुछ युवाओं ने खुदकुशी कर ली। मामले की गंभीरता को समझते हुए तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की पुलिस ने सख्त कदम उठाए और जगह जगह छापेमारी की गई।
न्यूड फोटोज के एवज में लोन
चीन में इंस्टैंट लोन देने वाली कंपनियों का खूब बोलबाला है। इस फलते फूलते कारोबार का चीनियों ने भारत में भी प्रसार किया है। हम इन कंपनियों के सबसे घिनौने रूप को आपके सामने रखते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन कंपनियों के एजेंट्स मासूम और मजबूर लड़कियों को बिना जामिन कम ब्याज पर अधिक लोन की रकम दिलाने का वादा करते हैं। इसके एवज में युवती या फिर छात्रा को टॉपलेस या न्यूड फोटो एजेंट को देना होता है। तय किया जाता है कि अगर लोन न चुकता किया गया तो ये फोटोज सोशल मीडिया पर डाल दिये जाएंगे। अक्सर पैसे की सख्त दरकार की सूरत में लड़कियां शर्त मान लेती हैं। अगर उन्होंने पैसा चुका दिया तो उनके निजी फोटोज को सुरक्षित रखा जाता है। न चुकाने की सूरत में इन फोटोज को पोर्न साइट्स को बेचकर पैसा बनाया जाता है। हर स्थिति में कंपनी फायदे में होती है। जबकि लोन लेने वाला शख्स जिंदगीभर के लिए परेशान रहता है।
विभिन्न राज्यों की पुलिस को हाल में इस तरह की कोई शिकायतकर्ता नहीं मिली है। जबकि खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस तरह के गोरखधंधे से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि ऐसे मामले पहले आ चुके हैं, साथ ही चीन में लोन देने के नाम पर कंपनियां इसी तरह का हथकंडा अपनाती है। पुलिस को उम्मीद है कि भुक्तभोगी अब खुलकर इन कंपनियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत करेंगी। ताकि इनके खिलाफ सख्त धाराओं के तहत कार्रवाई सुनिश्चित किया जा सके। तेलंगाना पुलिस ने भी महिलाओं को आगाह किया है कि इन ऐप्स के झांसे में न आएं। कई बार लड़कियों को लोन की रकम खत्म करने के एवज में बिना कपड़ों के न्यूड फोटो शेयर करने की डिमांड की जाती है। ऐसा करने की स्थिति में तत्काल तो लोन से राहत दे दी जाती है। बाद में इन तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए पीड़िता को ब्लैकमेल किया जाता है। साथ ही लोन की रकम से अधिक की उनसे वसूली की जाती है।
#Cyberabad @CyberCrimePSCyb Cyber Crime Police busted Instant personal loan Apps and arrested 6 members in connection with instant personal loan apps and loan apps operated are Cash Mama, Loan zone and connected companies. @TelanganaCOPs @TelanganaDGP pic.twitter.com/BpclN05rFs
— Cyberabad Police (@cyberabadpolice) December 22, 2020
कंपनियों के मालिक निकले चीनी नागरिक
महाराष्ट्र टाइम्स ने Instant Loan देने वाली कंपनियों के बारे में विस्तृत खबर छापी है। CID के साइबर अपराध विभाग के पुलिस अधीक्षक एम डी शरथ ने इस बारे में बताया कि बोरायन्क्सी टेक्नोलॉजिज प्रा लि का मालिक एक और चीनी कंपनी का संचालक निकला। इसके अलावा मैड एलिफेंट नाम की कंपनी का संचालक चीनी नागरिक निकला। कुल मिलाकर इस तरह के गोरखधंधे में चीन की सहभागिता पर चिंता जाहिर की गई है।
RBI ने भी किया था सतर्क
मामले की गंभीरता को देखते हुए आरबीआई की तरफ से भी बयान जारी किया गया। जिसके तहत लोग/छोटे कारोबारी शीघ्र और बिना किसी झंझट के कर्ज देने का वादा करने वाले अनाधिकृत डिजिटल मंचों और ऐप के झांसे में न आएं। आरबीआई ने कहा कि ऐसे प्लेटफॉर्म की ब्याज दरें काफी ऊंची होती है और अतिरिक्त छिपे हुए चार्ज होते हैं. इसके साथ ही, वे मोबाइन फोन धारकों के डेटा का गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को फांसती है कंपनियां
दक्षिण भारत सहित देश के कई यूनिवर्सिटी कैंपस में लोन देने वाली कंपनियों की गहरी पैठ होती है। बाहर से पढ़ने आने वाले बच्चों को ये बिना झंझट लोन लेने का जुगाड़ समझाते हैं। मौज मस्ती के नाम पर बच्चे अक्सर इनसे मोटी रकम लोन के तौर पर ले लेते हैं। फिर बच्चों को धमकी दी जाती है कि वो लोन की रकम जल्द चुकता करें, वरना उनके अभिभावकों को इत्तला कर दी जाएगी। डरे सहमे बच्चे कई बार लोन चुकाने की गरज से गलत काम में लिप्त हो जाते हैं।