पारंपरिक खेलों में उत्साह के साथ भाग ले रहे अंचल के युवा व बच्चे
राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला के पांचवे दिन महोत्सव स्थल के समीप खेल डोम में पहुंचे अंचल के बच्चों, महिलाओं एवं युवाओं में छत्तीसगढ़ी पारंपरिक खेलों के प्रति आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों में दिनों दिन बढऩे प्रतिभागियों की संख्या व यहां खेले जा रहे खेलों को देखकर एक ही बात निकल रही है, वाह क्या खेल है। आज प्रदर्शित खेलों में अटकन मटकन दही चटाका बन के कांटा… गीत के साथ समूह में हम उम्र खिलाड़ी खेल रहे थे। इस खेल की इस प्रकार की प्रस्तुति देखने वालों के लिए यह एक अच्छा अनुभव बन गया।
इस खेल में भाग ले रहे बच्चों ने बताया कि यह बहुत ही मजेदार खेल है, इस खेल की रोचकता का परिणाम है कि हर परिवार में तीन पीढ़ीयां इससे परिचित रहती है, हमारी दादी-नानी ने इस खेल को सिखाया और कहा कि अपने समय में हम इस खेल को बहुत ही खेलें है आजकल के बच्चे सिर्फ मोबाईल में लगे रहते है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसी तरह मंच से घोड़ाकूदौला स्थानीय और कंदूल से आए बच्चियों ने समूह में बहुत ही मजे के साथ खेले पहले कम फिर ज्यादा ऊंचाई के साथ खेला। इसके कुछ ही देर बाद फुगड़ी खेल के अंतर्गत 8-10 लड़कियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पैरों की कौशलता का प्रयोग किया। इस दौरान दोनो पैरों को आगे-पीछे कर फुगड़ी का प्रदर्शन किया। इसके अलावा भिर्री खेल में लोग अपने आप को आकर्षण से रोक नहीं पाए।