राज्यसभा स्थगित, मोदी सरकार के बहुप्रतीक्षित विधेयक अटके
नई दिल्ली। राज्यसभा को बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा की ओर से लेखानुदान, वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक को लोकसभा को लौटा दिया गया जबकि पर्सनल लॉ संशोधन विधेयक को पारित कर दिया। इससे तीन तलाक विधेयक और सिटिजनशिप बिल को पास कराने की सरकार की इच्छा पूरी नहीं हो सकी। ये बिल पेश ही नहीं हो पाए। सदन को अंतिम दिन भी बार-बार स्थगित करना पड़ा।
राष्ट्रपति अभिभाषण पर बहस के लिए 10 घंटे, बजट पर 8 घंटे और 2 बिल पर बहस के लिए 2 घंटे का समय निर्धारित किया गया था लेकिन अंतिम दिन इसे 20 मिनट में बिना बहस के पास करना पड़ा। 1991 और 1996 में राजनीतिक कारणों की वजह से धन्यवाद प्रस्ताव पास नहीं हो सका था।
संसद ने बुधवार को मोदी सरकार के छठे और अंतिम बजट को पारित कर दिया। इसमें 5 लाख रुपए तक कमाने वालों को आयकर में छूट दी गई है। इसके साथ ही बजट में छोटे किसानों को सालाना 6,000 रुपए की मदद और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए पेंशन का प्रावधान किया गया है। वहीं, लोकसभा से समायोजन सम्बंधी बिल (अगले पूर्ण बजट से पहले खर्च करने के अधिकार से जुड़ा) और वित्त विधेयक को पूर्ण चर्चा के बाद पारित किया गया लेकिन सत्र के अंतिम दिन बुधवार को राज्यसभा से इसे बिना बहस के पारित करना पड़ा।
आपको बताते जाए कि संविधान के अनुच्छेद 87 के क्लॉज 1 के तहत राष्ट्रपति संसद के साल के पहले सत्र के दौरान दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधितकरते हैं। संविधान के अनुच्छेद 82 के क्लॉज 2 के तहत संसद के दोनों सदनों को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करके धन्यवाद प्रस्ताव को पास करने की परंपरा रही है। राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार द्वारा तैयार किया जाता है और यह सरकार की पॉलिसी की तरह होता है।