मोबाइल बांटने में लूटा दिए करोड़ो,किसानों का कर्ज माफ किया तो तकलीफ क्यों

मोबाइल बांटने में लूटा दिए करोड़ो,किसानों का कर्ज माफ किया तो तकलीफ क्यों

रायपुर। विधानसभा में बजट के सामान्य चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। भूपेश बघेल ने इस दौरान पिछली सरकार की कार्यशैली और मौजूदा वक्त में विपक्ष के तौर पर कांग्रेस सरकार पर उठाये गये सवाल को लेकर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार में मोबाईल बांटने के लिए 1400 करोड़ का बजट दिया, 3 उद्योगों को स्टाम्प ड्यूटी में करोड़ों की छूट दी। आपने इतने पैसे लुटा दिए। अब जब हम किसानों का ऋण माफ कर रहे तो विपक्ष को दिक्कत क्या है? किसानों ने हमारी सरकार बनाई आज किसान भी खुश है।

जो खेती कर रहा है वे बड़े किसान नहीं है, जो ऋण माफी ग्रामीण और कोआपरेटिव बैंक में किये है उसी अनुपात में भी अन्य प्राइवेट बैंक में करेंगें। किसान खुशहाल होगा तभी प्रदेश खुशहाल होगा। आज हमने 10 हजार करोड़ का ऋण माफ किया है। उन्होंने कहा कि हमने कहा हम कृषि क्रॉप लोन हम माफ करेंगें ये किसान इस बात को समझ गए विपक्ष ट्रेक्टर वालो के पीछे न पड़े रहे। धान बोनस के लिए विपक्ष कहता रहा 2100 रुपये समर्थन मूल्य और बोनस देंगें लेकिन दिए नहीं,पहला राज्य है जहां 2500 रुपये समर्थन मूल्य में हम धान ले रहे है।

किसानों का जलकर भी हमने माफ किया है। गन्ने के किसान दलहन-तिलहन के किसानों के लिए भी बजट में भी प्रावधान दिए हैं। मूसली उगाने के बजट में कोई प्रावधान नहीं था लेकिन पिछली सरकार ने रतनजोत लगाने में करोड़ो रूपये फूंके हैं। डीजल नहीं अब खाड़ी से, डीजल मिलेगा बाड़ी से इसमें सैंकड़ो करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए और 1 लीटर भी डीजल बना हो तो बताओ? इसे खा कर बच्चे अलग बीमार हो गए। आज प्रदेश में मवेशियों की स्थिति के चलते लोग परेशान है। कोई इसे दान में भी नही लेना चाहता कोई खरीदना नहीं चाहता। ये गंभीर समस्या है जो मवेशी किसानों की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार था वो आज उनकी कमजोरी बन गया है।

आज पानी की समस्या,एक्सीडेंट बढ़ गए,मवेशी एक समस्या ह ैइसलिए हमने नरवा, गरुवा, घुरूवा, बाड़ी एला बचाना हे संगवारी का नारा दिया। इन सब काम के लिए बजट है हर विभाग में है बस इसए समायोजित करना है। पिछली सरकार के विकास का पैमाना कांक्रीट था, बिल्डिंग था, हमारे विकास का पैमाना कृषि है, किसान है, आदिवासी है।

हम प्रत्येक गांव में 3-5 एकड़ घेरने की व्यवस्था कर रहें हैं जहां गोबर गैस प्लांट लगा सकते हैं। इसे सफल बनाने ट्रेनिंग दी जाएगी। 10-12वीं पढ़े बच्चों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। आप सोचिए आपने उज्ज्वला में सिलेंडर दे दिए अब उसकी रिफिलिंग कौन करवा रहा है कोई नहीं? इसलिए गोबर गैस से खाना अब पकेगा। घरों घर अब कनेक्शन देंगें जो पैसा आएगा उससे पंचायत का विकास भी होगा।

00 बजट की सामान्य चर्चा में सीएम ने धन्यवाद ज्ञापित किया

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