न्यूज़ डेस्क। आज खाद्य एवं कृषि संगठन की 75वीं सालगिरह है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए कई अहम बातें भी कहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष का नोबल पुरस्कार विश्व खाद्य कार्यक्रम को मिलना बड़ी बात है।
छोटे किसानों को ताकत देने के लिए Farmer Producer Organizations यानि FPOs का एक बड़ा नेटवर्क देश में तैयार किया जा रहा है।
देश में ऐसे कृषि उत्पादक संघ बनाने का काम तेजी से चल रहा है। #SahiPoshanDeshRoshan pic.twitter.com/I3VSJtJmuH
— Narendra Modi (@narendramodi) October 16, 2020
इसके अलावा, PM मोदी ने लड़कियों की शादी की सही उम्र तय करने को लेकर जल्द किसी नतीजे पर पहुँचने की बात भी रखी। गौरतलब है कि इसके संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश के नाम अपने संबोधन में भी दिए थे। किसानों और न्यूनतम समर्थन के महत्व को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विचार रखे। PM मोदी ने शुक्रवार सुबह 11 बजे 75 रुपए के स्मारक सिक्के को लॉन्च करते हुए हाल ही में विकसित की गई 8 फसलों की 17 जैव संवर्धित किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
MSP और सरकारी खरीद, देश की फूड सिक्योरिटी का अहम हिस्सा हैं। इसलिए इनका वैज्ञानिक तरीके से, अच्छी से अच्छी व्यवस्था के साथ, अच्छा से अच्छा प्रबंधन भी हो और ये आगे भी जारी रहें, यह बहुत आवश्यक है। हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। #SahiPoshanDeshRoshan pic.twitter.com/0vWCHVbJzq
— Narendra Modi (@narendramodi) October 16, 2020
अपने सम्बोधन में PM मोदी ने कहा, “लड़कियों के विवाह की सही उम्र तय करने के मुद्दे पर चर्चा जारी है। पूरे देश की बेटियाँ मुझसे इस सम्बंध में लिख कर पूछती हैं कि समिति ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई ठोस निर्णय क्यों नहीं लिया। मैं उन्हें आश्वस्त कहना चाहता हूँ कि जैसे ही इस मामले पर स्पष्ट रिपोर्ट आ जाएगी सरकार ठीक उस वक्त इस पर फैसला लेगी।”
बेटियों की शादी की उचित उम्र क्या हो, ये तय करने के लिए भी चर्चा चल रही है।
मुझे देशभर की जागरूक बेटियों की चिट्ठियां आती हैं कि जल्दी से निर्णय कीजिए।
मैं उन सभी बेटियों को आश्वासन देता हूं कि बहुत ही जल्द रिपोर्ट आते ही उस पर सरकार अपनी कार्यवाही करेगी। #SahiPoshanDeshRoshan
— BJP (@BJP4India) October 16, 2020
PM मोदी ने इसी वर्ष 74वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए महिलाओं से संबंधित कई मुद्दों की चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि बेटियों में कुपोषण खत्म हो, उनकी शादी की सही आयु क्या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है। उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी उचित फैसले लिए जाएँगे।
कुपोषण से निपटने के लिए एक और महत्वपूर्ण दिशा में काम हो रहा है।
अब देश में ऐसी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें पौष्टिक पदार्थ- जैसे प्रोटीन, आयरन, जिंक इत्यादि ज्यादा होते हैं।
– पीएम @narendramodi #SahiPoshanDeshRoshan pic.twitter.com/np8O6TpW6L
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वर्तमान में देश में लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष आँकी गई है, जबकि लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गई है। विभिन्न महिला-केंद्रित संगठन और महिला अधिकार कार्यकर्ता माँग करते आए हैं कि लड़कियों की शादी करने के लिए न्यूनतम आयु को शादी से पहले उनकी उच्च शिक्षा पूरी करने में मदद करने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने भाषण में कहा कि देश भर से बेटियाँ उनसे पूछती हैं कि संबंधित समिति ने अभी तक इस विषय पर अपना निर्णय क्यों नहीं लिया है?
छोटी आयु में गर्भ धारण करना, शिक्षा की कमी, जानकारी का अभाव, शुद्ध पानी न होना, स्वच्छता की कमी ऐसे अनेक वजहों से हमें वो अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाए थें जो कुपोषण की लड़ाई में मिलने चाहिए थे: पीएम @narendramodi #SahiPoshanDeshRoshan pic.twitter.com/wqt3Z0T4oB
— BJP (@BJP4India) October 16, 2020
भाषण की प्रमुख बातें
- इस साल का नोबल पुरस्कार विश्व खाद्य कार्यक्रम को मिलना उल्लेखनीय बात है। भारत इस बात पर बेहद खुश है कि हमारे सहयोग और सहभागिता ने इसे असल मायनों में ऐतिहासिक बनाया।
- भारत के हमारे किसान साथी- हमारे अन्नदाता, हमारे कृषि वैज्ञानिक, हमारे आँगनबाड़ी-आशा कार्यकर्ता, कुपोषण के खिलाफ आंदोलन का आधार हैं। इन सभी के प्रयासों से ही भारत कोरोना के इस संकटकाल में भी कुपोषण के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ रहा है।
- भारत में पोषण अभियान को ताकत देने वाला एक और अहम कदम आज उठाया गया है। आज गेहूँ और धान सहित अनेक फसलों के 17 नए बीजों की वैरायटी, देश के किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- पूरे विश्व में कोरोना संकट के दौरान भुखमरी-कुपोषण को लेकर अनेक तरह की चर्चा हो रही हैं। भारत पिछले 7-8 महीनों से लगभग 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रहा है। इस दौरान भारत ने करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए का खाद्यान्न गरीबों को मुफ्त बाँटा है।
- वर्ष 2023 को घोषित करने के प्रस्ताव के पीछे भी कुछ इसी तरह की भावना है। इससे भारत ही नहीं विश्व भर को दो बड़े फायदे होंगे, पहला तो पौष्टिक आहार प्रोत्साहित होंगे, उनकी उपलब्धता और बढ़ेगी। और दूसरा- जो छोटे किसान होते हैं, जिनके पास कम जमीन होती है, उन्हें बहुत लाभ होगा।
किसानों को लागत का डेढ़ गुणा दाम MSP के रूप में मिले, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। MSP और सरकारी खरीद, देश की फ़ूड सिक्योरिटी का अहम हिस्सा हैं। इसलिए इनका वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन और ये आगे भी जारी रहें ये बहुत आवश्यक है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।