नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को नयी पीढ़ी की विकिरण रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण किया जो भारतीय वायुसेना के रणनीतिक अस्त्र-शस्त्र भंडार में शामिल होगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारत की पहली स्वदेश निर्मित विकिरण रोधी मिसाइल ‘रुद्रम-1’ की गति मैक दो या ध्वनि की गति से दोगुनी है। अधिकारियों ने बताया कि मिसाइल जब वायुसेना में शामिल होने के लिए तैयार होगी तो इसे सुखोई लड़ाकू विमानों के साथ जोड़ा जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे ओडिशा के बालासोर में एकीकृत परीक्षण रेंज से मिसाइल का परीक्षण प्रक्षेपण किया गया।
The New Generation Anti-Radiation Missile (Rudram-1) which is India’s first indigenous anti-radiation missile developed by @DRDO_India for Indian Air Force was tested successfully today at ITR,Balasore. Congratulations to DRDO & other stakeholders for this remarkable achievement.
— Rajnath Singh (मोदी का परिवार) (@rajnathsingh) October 9, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘नयी पीढ़ी की विकिरण रोधी मिसाइल (रुद्रम-1) भारत की पहली स्वदेश निर्मित विकिरण रोधी मिसाइल है जिसे डीआरडीओ ने वायुसेना के लिए विकसित किया है। इसका सफल परीक्षण आज बालासोर में ITR से किया गया। डीआरडीओ और अन्य संबंधित हितधारकों को इस प्रशंसनीय उपलब्धि के लिए बधाई।’’ भारतीय वायुसेना ने पिछले साल मई में एक सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के आकाशीय संस्करण का सफल परीक्षण किया था।
#Rudram1 : @IAF_MCC के लिए @DRDO_India द्वारा विकसित की गई नई पीढ़ी की देश की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल का #रुद्रम_1 का आईटीआर, बालासोर में सफल परीक्षण https://t.co/geChyHVYs1
— DD News Rajasthan (@DDNewsRajasthan) October 9, 2020