चिकित्सा सेवाओं में वृद्धि से नि:शक्तता का प्रतिशत हुआ कम – रश्मि

चिकित्सा सेवाओं में वृद्धि से नि:शक्तता का प्रतिशत हुआ कम – रश्मि

रायपुर। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों हेतु राज्य स्तरीय क्रीड़ा, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का खेल परिसर बहतराई स्टेडियम में शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन तखतपुर विधायक श्रीमती रश्मि सिंह ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिलासपुर नगर निगम के महापौर श्री किशोर राय ने की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती रश्मि ंिसंह ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं में वृद्धि से नि:शक्तता प्रतिशत बहुत कम हुआ है। इन बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाये तो बच्चे सभी कार्य करने में सक्षम हो जाते हैं। हमें कोशिश करनी चाहिये कि नि:शक्त बच्चों से संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करें, जिससे ऐसे बच्चों को आगे बढऩे में मदद मिलेगी। कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने कहा कि हम सभी को एक ऐसा नि:शक्त मित्र जरूर बनाना चाहिये, जिसके साथ हम घूमें, समय बितायें और उनके घर पर मिलने जायें। हमारी उनके प्रति संवेदनशीलता से ही वे समाज की मुख्य धारा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की कोशिश है कि जिले के सभी शासकीय भवन दिव्यांगों के लिए एक्सेबल हो, इसके लिये सभी शासकीय भवनों का एक्सेबिलिटी ऑडिट कराया जायेगा। बड़ी खुशी की बात है कि बिलासपुर जिले की वेबसाईट सभी प्रकार के नि:शक्तजनों के अनुकूल बना दी गई है।

विगत वर्षों तक नि:शक्तजन कानून में सिर्फ अस्थिबाधित और श्रवणबाधित नि:शक्तजन शामिल थे। लेकिन अब 21 प्रकार के नि:शक्तजन को शामिल किया गया है, जिनमें थैलीसिमिया और सीवियर प्रकार का सिकलसेल भी शामिल है। समाज की सभी प्रकार के नि:शक्तजनों के प्रति संवेदनशीलता के कारण ही विधिवेत्ताओं ने सभी प्रकार नि:शक्तजनों को कानून में जगह दी। मेरा मानना है कि समाज और शासन को नि:शक्तजनों के लिये विशेष स्कूल न बनाकर सामान्य स्कूलों में भी बच्चों का समावेशन होना चाहिये।

महापौर श्री किशोर राय ने कहा कि जब हम समग्र विकास की बात करते हैं तब नि:शक्त बच्चों की सहभागिता भी आवश्यक है। उक्त आयोजन में पांच संभागों से आये 1200 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। आयोजन में ट्राईसायकल दौड़ (अस्थिबाधित), बैसाखी दौड़, जलेबी दौड़ (श्रवण बाधित), मटका फोड़ प्रतियोगिता (पूर्ण दृष्टिहीन), फुटबाल (मानसिक नि:शक्त बच्चों हेतु), सुलेख (देवनागरी लिपि), रंगोली, मेंहंदी, समूह नृत्य आदि का आयोजन किया जा रहा है।

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