नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि PM-केयर्स फंड की धनराशि को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं है। व्यक्ति स्वेच्छा से NDRF में योगदान कर सकते हैं। जस्टिस अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एम. आर. शाह की खंडपीठ ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें पीएम केयर्स फंड के पूरे पैसे को NDRF में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि कोविड-19 महामारी के लिए नई राष्ट्रीय आपदा राहत योजना बनाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी राहत के न्यूनतम मानक पर्याप्त थे।
पीठ ने कहा कि नागरिकों और कॉरपोरेट्स के लिए NDRF में धनराशि जमा करने में कोई बाधा नहीं है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि पीएम केयर्स फंड और NDRF पूरी तरह से अलग है।
पीएम केयर्स फंड को एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीएम केयर्स फंड का पैसा एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की कोई जरूरत नहीं#PMCaresFund #SupremeCourt pic.twitter.com/QuNzU99meA
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) August 18, 2020
शीर्ष अदालत ने 17 जून को एक जनहित याचिका को लेकर केंद्र को नोटिस जारी किया था। इस याचिका में पीएम केयर्स फंड के पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) ने दावा किया था कि कोविड -19 महामारी की पृष्ठभूमि में NDRF का उपयोग अधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा है, और PM केयर्स फंड की स्थापना आपदा प्रबंधन अधिनियम के दायरे से बाहर है।
पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि केंद्र को कोविड -19 के लिए एक नई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना तैयार करनी चाहिए।