ग्राम संगवा एवं देवरी में विधिक सहायता एवं सलाह शिविर
मुंगेली। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुंगेली द्वारा ग्राम संगवा एवं देवरी में विधिक सहायता एवं सलाह शिविर आयोजित किया गया। शिविर को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुनील कुमार जायसवाल और ग्राम विकास मंडली के अध्यक्ष एवं सदस्य न्यायालय बाल कल्याण समिति श्री एम.एम. शमीम ने सम्बोधित किया। सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस मनाने के उद्देश्य को बताया गया। 26 जनवरी 1950 को संविधान बना। बाबा साहेब अम्बेडकर संविधान के रचयिता है। मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य के बारे में जानकारी देते हुए अनुच्छेद 20 एवं 21 के बारे में बताया गया।
द्वितीय चरण में बताया गया कि भारतीय दंड संहिता के उन अपराधों की सूची जो संज्ञेय नहीं है और जिसमें पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती। 323 स्वेच्छापूर्वक साधारण चोट पहुंचाना, 417, 418 छल, 426, 427 (434) शरारत पर किसी भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, 465 से 472 दस्तावेजों की कूट रचना। 494 अर्थात पहले से विवाहित पुरूष या महिला से दूसरा विवाह करना, 495, 496 पहले विवाह की बात छिपाकर दूसरा विवाह करना, धारा 500 अपमान करना। तीसरे चरण में राजस्व कानून की संक्षिप्त धाराओं के बारे में बताया कि कानून बहुत जटिल विषय है किंतु आम जनता को यह जानना ही चाहिए कि अमुक कष्ट होने पर किस अधिकारी या अदालत के समक्ष जाना चाहिए। राजस्व मुकदमों के निराकरण के लिए विधानसभा ने छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता की रचना की है। सबसे निचली अदालत नायब तहसीलदार या तहसीलदार की है। इसके ऊपर अनुविभागीय अधिकारी की अदालत है। इसके ऊपर कलेक्टर की अदालत है तथा सबसे ऊपर राजस्व मंडल की है। आम जनता को मुख्यत: तहसीलदार या अनुविभागीय अधिकारी के ही न्यायालय से सीधा काम पड़ता है। राजस्व संबंधी झगड़ों के निराकरण के लिए पटवारी या राजस्व निरीक्षक के चक्कर काटने की अपेक्षा राजस्व न्यायालय में आवेदन करें तो मामले का निपटारा सही ढ़ंग से हो सकेगा। कौन सी समस्या के लिए भू-राजस्व संहिता की कौन सी धारा लगती है। इसके लिए किस अधिकारी के पास जाना चाहिए। नामांतरण 110 तहसीलदार, किसान किताब 14 क तहसीलदार, खसरे में गलत प्रविष्टि का सुधार 116 तहसीलदार, भूमि की सीमा के विवाद 125, 126 तहसीलदार, भूमि स्वामियों के खेत के आवागमन संबंधी विवाद 131, जमीन की खरीदी रद्द 170 अनुविभागीय अधिकारी से संपर्क करना चाहिए। पेड़ काटने की अनुमति धारा 240 कलेक्टर से संपर्क करना चाहिए, इत्यादि धाराओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। चौथे चरण में बताया गया कि मोटर दुर्घटना में जो न्यायालय शुल्क है मात्र 15 रूपया का लगता है। यदि वह गरीब है तो वह भी नहीं लगेगा। यदि किसी की मोटर दुर्घटना हो जाती है तो इसके लिए सजग एवं जागरूक रहना चाहिए। कभी भी किसी के बहकावे में न आना एवं अन्य कानूनों के बारे में जानकारी दी गई। मुंगेली टी.आई. श्री एल.के. पटेल ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।