इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार हुआ ऐसा, चमकते सूरज ने रोका मैच
नई दिल्ली। क्रिकेट में आमतौर पर बारिश और खराब रोशनी के कारण खेल रुकने की घटनाएं आती रहती हैं, लेकिन जगमगाता सूरज खेल रोक दे तो इसे हैरानी होना लाजिमी है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच बुधवार (23 जनवरी) को खेले गए पहले वनडे मुकाबले में कुछ ऐसा ही अजीबोगरीब वाकया देखने को मिला, जब सूरज की रौशनी के कारण मैच रोका गया और डकवर्थ लुइस नियम लागू हुआ। क्रिकेट इतिहास में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ होगा कि सूरज के कारण खेल रोकना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।
दरअसल, स्टेडियम के एक हिस्से से डूबते हुए सूरज की सीधी किरणें एक छोर के बल्लेबाजों, विकेटकीपर, स्लिप फील्डर और अंपायरों पर आ रहीं थीं। खासतौर पर उस समय बल्लेबाजी कर रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली और शिखर धवन को गेंद दिखने में परेशानी हो रही थी। उन्होंने इसकी शिकायत अंपायरों से की। आखिरकार अंपायरों ने खेल बंद करने का फैसला किया और इस कारण आधे घंटे तक खेल रुका रहा। इसके बाद मैच में एक ओवर भी कम करना पड़ा।
खेल रुकने से अंपायरों को एक ओवर कम करना पड़ा और भारतीय टीम को 49 ओवर में 156 रन का संशोधित लक्ष्य दिया गया। खेल रुकने के दौरान नेपियर के मेयर ने कहा कि स्टेडियम के इस छोर की कमी को दूर किया जाएगा ताकि इस तरह खेल नहीं रुके।
नेपियर की पिच की दिशा असल में समस्या की असल वजह है। आमतौर पर पिच सूरज की रोशनी ध्यान में रखकर उत्तर-दक्षिण दिशा में बनाई जाती है। यह नियम क्रिकेट खेलने वाले हर देश में अघोषित तौर पर माना जाता है। लेकिन नेपियर की पिच की दिशा पूरब-पश्चिम है। ऐसे में सूरज के उगते और ढलते वक्त यहां खेलने में परेशानी होती है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टीम की आठ विकेट की जीत के बाद कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी सूरज के कारण मैच रुकता हुआ नहीं देखा। इस विलंब के कारण लक्ष्य को दो रन कम किया गया जबकि एक ओवर घटाया गया। इस बारे में पूछने पर कोहली ने कहा, ”अपने जीवन में कभी ऐसा अनुभव नहीं किया।”
उन्होंने कहा, ”यह अजीब था। 2014 में एक बार आंखों में सूरज की रोशनी पड़ने के कारण मैं आउट हो गया था और उस समय ऐसा नियम नहीं था।” सोशल मीडिया पर भी फैन्स ने इस नजारे की तस्वीरें शेयर की हैं।
मैदानी अंपायर शॉन जार्ज ने बताया कि खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खेल रोकने का फैसला किया गया। अंपायर ने कहा, ”डूबते हुए सूरज की रोशनी खिलाड़ियों की आंखों पर पड़ रही थी और हमें उनकी और अंपायरों की सुरक्षा के बारे में सोचना था। खिलाड़ियों को भी इसकी जानकारी थी।”
अतीत में सूरज के कारण यहां घरेलू प्रतियोगिताओं के दौरान भी खेल रोका गया है। कथित तौर पर इंग्लैंड के कुछ मैदानों पर भी ऐसा हुआ है, लेकिन इनमें से कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं था। इससे पहले 1980 में भारत और इंग्लैंड के बीच मुंबई (तब बंबई) में होने वाले टेस्ट मैच को सूर्य ग्रहण के कारण एक दिन पहले शुरू किया गया था।