31 जनवरी तक छत्तीसगढ़ में होगी धान खरीदी
रायपुर। छत्तीसगढ़ केबिनेट की बैठक सोमवार सुबह मंत्रालय में हुई। इस बैठक में धान खरीदी सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। लक्ष्य से अधिक मात्रा में धान खरीद का अनुमान है। वहं केन्द्रीय पूल में चावल का कोटा बढ़ाने भी पत्र लिखा गया है। इसमें तय किया गया कि अब सरकार जैम पोर्टल के जरिए खरीदी नहीं करेगी बल्कि खुद का पोर्टल बनाकर खरीदी करेगी। हालांकि इसके अभी कम से कम 6 महीने का समय लगेगा। इसलिए पुरानी पद्धति से ही अब खरीदी होगी और सीएसआईडीसी के जरिए समान की खरीदी होगी।
कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद इसमें हुए निर्णयों को लेकर कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि इस साल 2500 रुपये समर्थन मूल्य पर सरकार राज्य के किसानों से 85 लाख मिट्रिक टन धान की खरीदी करेगी। उन्होंने बताया सरकार किसानों से पूरा धान खरीदेगी। इसके लिए 31 जनवरी तक समय निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही छोटे भू—खण्डों के लिए लैण्ड डायवर्सन के नियमों के सरल करने का भी फैसला लिया है। राज्य सरकार स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करने का मन बनाया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अरवा चावल की खेती 24 लाख मीट्रिक टन की होती है। जिसके लिए 32 लाख धान की जरूरत होती है। वहीं उसना चावल भी 24 लाख मीट्रिक टन की जरूरत होती थी। लिहाजा शेष चावलों की खरीदी का दायरा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा जायेगा, अगर खरीदी का दायरा केंद्र सरकार नहीं बढ़ाती है कि तो फिर शेष बचे चावलों का उपयोग नान व पीडीएस के जरिये राज्य सरकार अपने ही राज्य में करेगी।
सवर्णों को दिए जाने वाले आरक्षण पर श्री चौबे ने कहा, संसद में हमने इसे समर्थन दिया था। छत्तीसगढ़ में इसे लागू कर दिया जाएगा। लेकिन कब से और कैसे इसे लागू करना है, इस पर फैसला जल्द ही करेंगे। वहीं एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति में स्थानीय युवाओं की दी जा रही प्राथमिकता को अभी बरकरार रखने का फैसला भूपेश सरकार ने लिया है। पूर्व सरकार ने प्राथमिकता देने की शुरुआत की थी, लेकिन अब इसे भूपेश कैबिनेट ने दो साल के लिए और बढ़ा दिया है। पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में बस्तर, सरगुजा संभाग के अलावा कोरबा जिले को भी शामिल किया गया है।
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