बच्चों के अस्थाई संरक्षण के लिए भावी अभिभावकों से आवेदन आमंत्रित
बालोद। जिले में संचालित किषोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 44 तथा मॉडल गाइड लाइन फॅार फॅास्टर केयर 2016 के प्रावधान अनुसार अस्थाई संरक्षण में दिए जाने हेतु फॉस्टर केयर में जिले के दम्पतियों से आवेदन मंगाए गए हैं।
जिला बाल संरक्षण इकाई के जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि फॉस्टर केयर परिवार का दायित्व होगा कि वह बालक को समुचित भोजन, वस्त्र, आश्रय, शिक्षा, उच्च शिक्षा, देखभाल एवं संरक्षण, आवश्यकतानुसार सभी प्रकार की चिकित्सा, उपचार, आयु एवं रूचि अनुसार व्यवसायिक प्रशिक्षण, बालक के विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति, बालक का शोषण, दुर्व्यवहार, हानि, उपेक्षा से सुरक्षा तथा बालक एवं उसके जैविक परिवार की निजता का सम्मान करें। इसके साथ ही फास्टर केयर मार्गदर्षिका 2016 में उल्लेखित सभी दायित्व एवं षर्तों तथा बालक कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि ऐसे भारतीय दम्पति जो देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को अस्थाई रूप से संरक्षण में लेना चाहते हैं वे कार्यालय जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग बालोद में सम्पर्क कर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर सकते हैं।