नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पीच के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष दलों के कई सांसदों ने वॉकआउट भी किया, जिसपर सभापति जगदीप धनखड़ बुरी तरह नाराज हो गए और इसे संविधान का ‘मजाक’ बताया। इस दौरान पीएम मोदी ने भी विरोध प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सांसदों के सदन से बाहर जाने पर तंज कसा।
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खबर है कि पीएम मोदी के भाषण के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हस्तक्षेप करना चाहते थे। इसे लेकर धनखड़ ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने वॉक आउट किया। उपराष्ट्रपति ने विपक्षी नेताओं पर संविधान का अपमान करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘अत्यंत दर्दनाक, पीड़ादायक, अमर्यादित आचरण। शासन तीसरे लगातार कार्यकाल में है 6 दशक के बाद।’
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धनखड़ ने कहा, ‘मैंने चर्चा की और मैंने अनुरोध किया कि प्रतिपक्ष के नेता को बेरोकटोक बोलने का अवसर दिया। आज वह सदन छोड़कर नहीं गए हैं, मर्यादा तोड़कर गए हैं। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई, भारतीय संविधान को पीठ दिखाई है। आज उन्होंने मेरा अनादर नहीं किया, उस शपथ का अनादर किया, जो संविधान के तहत ली है। भारत के संविधान की इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती।’
उन्होंने कहा, ‘…मैं उनके आचरण की भर्त्सना करता हूं। देश के 140 करोड़ लोग इसे आहत होंगे। सदन का मतलब है सत्तापक्ष की बात सुनो, जब आपने अपनी पूरी बात कह दी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस पर कुर्सी पर बैठक कर इतना दुखी हूं कि भारत के संविधान का इतना बड़ा अपमान, इतना बड़ा मजाक। संविधान हाथ में रखने की किताब नहीं है, जीने की किताब है। मैं आशा करता हूं कि वह आत्मचिंतन करेंगे और मन को टटोलेंगे और कर्तव्य पथ पर आएंगे।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आपकी वेदना मैं समझ सकता हूं। 140 करोड़ देशवासियों ने जो निर्णय लिया है, जो जनादेश दिया है उसे ये पचा नहीं पा रहे हैं। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं, तो आज उनका वो लड़ाई लड़ने का भी हौसला नहीं था। इसलिए मैदान छोड़कर भाग गए।’