न्यूज़ डेस्क(BNS)। कर्नाटक में सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार पिछली सरकार द्वारा खींची गई लकीरों की दिशा मोड़ने में लगी है। सिद्धारमैया की सरकार ने सबसे पहले पिछली सरकार द्वारा किसी भी विभाग को जारी धन पर रोक लगाई। अब मंगलुरु में उपायुक्त कार्यालय के मुख्यमंत्री राहत कोष अनुभाग में सहायक नूतन कुमारी को पद से हटा दिया है।
यह वहीं, नूतन कुमारी हैं, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के कार्यालय में अनुबंध आधार पर ग्रुप सी पद की पेशकश की गई थी। पिछली बोम्मई सरकार द्वारा अस्थायी नियुक्ति आदेश मिला था। लेकिन, सत्ता बदलते ही कांग्रेस सरकार ने आदेश वापस ले लिया है। आइए जानते हैं कौन है नूतर कुमार?
पीएफआई आतंकियों द्वारा हत्या के बाद पूर्व भाजपा सरकार ने प्रवीण नेट्टारू की पत्नी नूतन कुमारी को सीएम ऑफिस में नौकरी दी थी। उन्हें मंगलुरु में उपायुक्त कार्यालय के मुख्यमंत्री राहत कोष अनुभाग में वरिष्ठ सहायक का पद दिया गया था। अब कॉन्ग्रेस की सरकार ने उस विधवा की नौकरी को वापस लेने का फैसला ले लिया है। सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि नूतन की नौकरी क्यों रद्द की गई।
Praveen Nettaru's wife who was given govt job after the brutal murder of her husband removed from post immediately after Congress govt takes over.
This is the brutality of Congress towards a widow and the love of @INCIndia seems no bound for PFI! pic.twitter.com/5NS4Xb9jJQ
— Vishnu Vardhan Reddy (@SVishnuReddy) May 27, 2023
मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि जब सरकार बदलती है तो आम तौर पर अस्थायी कर्मचारियों को पद छोड़ने के लिए कहा जाता है। नूतन कुमारी की नौकरी को लेकर विशेष विचार नहीं किया गया। हालाँकि, भाजपा नेताओं को सरकार का यह निर्णय पसंद नहीं आया। आंध्र प्रदेश बीजेपी के स्टेट जनरल सेक्रेटरी विष्णु वर्धान रेड्डी ने ट्वीट कर सरकार के फैसले की आलोचना की।
ऐसे में कर्नाटक की बीजेपी इकाई ने ट्वीट कर कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की साम्प्रदायिक घृणा के कारण, कांग्रेस पार्टी द्वारा पोषित एक आतंकवादी संगठन ने प्रवीण कुमार नेतारू की पत्नी को सेवा से हटा दिया है। हमारी सरकार ने पीएफआई द्वारा मारे गए प्रवीण नेट्टारू की पत्नी को मंगलुरु के डीसी की नौकरी प्रदान की थी। यह निंदनीय है।
आपको बता दें कि प्रवीण कुमार नेट्टारू बीजेपी युवा मोर्चा नेता थे। बीते साल 26 जुलाई 2022 को प्रवीण कुमार नेतारू की हत्या कर दी गई थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में बदले की भावना की पुष्टि हुई थी। मामले में 10 से ज्यादा आरोपियों को अरेस्ट किया गया था।