पीएम मोदी ने कोरोना का टीका लगवाकर कर दिया विपक्ष का राजनीतिक इलाज, विपक्ष के नेता गाने लगे अलग-अलग सुर

न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाकर दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने ना सिर्फ दुनिया को स्वदेशी वैक्सीन और आत्मनिर्भर भारत अभियान पर भरोसा करने का संदेश दिया है, बल्कि विरोधियों का राजनीतिक इलाज भी कर दिया है। यही वजह है कि अब विपक्षी दलों के नेता अलग-अलग सुर में राग अलाप रहे हैं।

जब दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई तो विपक्ष यह सवाल पूछ रहा था कि मोदी टीका कब लगवाएंगे। भारत बायोटेक की कोवैक्सनी को आपातकालीन इस्‍तेमाल की मंजूरी देने पर भी खासा हंगामा हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने एम्‍स में यही टीका लगवाकर एक तरह से विरोधियों को बेसुरा बना दिया है।

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी प्रधानमंत्री मोदी की उम्र के हैं। 1 मार्च से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में 60 साल से ज्‍यादा उम्र वालों को वैक्‍सीन दी जानी है। जब उनसे पूछा गया कि क्‍या वह वैक्‍सीन लगवाएंगे तो खड़गे ने कहा, ‘मैं 70 साल से ज्‍यादा उम्र का हूं। आपको मेरी जगह ये (वैक्‍सीन) युवाओं को देनी चाहिए क्‍योंकि उन्‍हें लंबा जीना है। मेरी 10-15 साल की जिंदगी बची है।’

उधर कांग्रेस के साथ गठबंधन करने वाली नैशनल कान्‍फ्रेंस के नेता उमर अब्‍दुल्‍ला ने कहा, ‘मेरे माता-पिता और उनकी उम्र के लोगों को मुझसे पहले वैक्‍सीन की जरूरत है और मुझे जेन Y और जेन Z से पहले। यह कोई भावनात्‍मक बात नहीं है बल्कि सीधे सपाट तथ्‍यों और साइंटिफिक डेटा पर आधारित है। हमें लोगों को टीकाकरण के लिए उत्‍साहित करना चाहिए, खासतौर से उन लोगों को जिन्‍हें ज्‍यादा खतरा है।’

कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि आज WHO समेत तमाम दूसरे संगठनों ने कहा है कि कोराना से निपटने के लिए वैक्सीन के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है। संदीप दीक्षित ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर जो अभियान चल रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना का टीका लगवाया इससे लोगों में विश्वास आएगा। इसको लेकर जो भ्रांतियां है उसमें कमी आएगी। कोरोना का टीका किसी को लगवाना है या नहीं यह उसका व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है।

हमेशा कन्फ्यूज्ड रहने वाले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने फिर गुमराह करने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम अपनी तरफ से कोई ओपिनियन नहीं दे रहे हैं। सरकारी कमेटी ने इसका विरोध किया था। हम तो सरकार से गठित कमेटी की रिपोर्ट के बारे में बार-बार जिक्र करते रहे। अगर सही होगा तो सही होगा। ये डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का सवाल है। दिल्ली में एक डॉक्टर ने इसे रिफ्यूज भी किया था। यही मुद्दा हमने उठाया था। शायद साइंटिस्ट बोले होंगे कि अब कोई खतरा नहीं है तो प्रधानमंत्री ने लिया होगा।

शिवसेना सांसद और प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने वैक्सीन लगवाने पर पीएम मोदी की तारीफ की। उन्‍होंने कहा, ‘देखकर खुशी हुई कि पीएम ने कोवैक्‍सीन लगवाई। यह लोगों के दिमाग से वैक्‍सीन का डर हटाने में मदद करेगी।’ कांग्रेस के कार्ति चिदंबरम ने भी कहा कि इससे ‘आम जनता में वैक्‍सीन लगवाने को लेकर विश्‍वास बढ़ेगा।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर पलटवार करत हुए कहा, ‘मोदीजी ने साफ कहा था कि पहले हमारे कोविड वॉरियर्स को टीका लगेगा और फिर हमें। जो उनपर सवाल उठा रहे थे, उन्‍होंने जवाब दे दिया है। आज जब 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की बारी आई तो पीएम ने सबसे पहले आगे आकर नेतृत्‍व किया। मैं विपक्ष से कहना चाहता हूं कि आपको चुनावों में राजनीति करने के बहुत सारे मौके मिलेंगे और उससे इतर भी, लेकिन क्‍या कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम एकजुट नहीं हो सकते?’

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा था कि वैक्सीन को लेकर भरोसा जगाने के लिए पहले पीएम मोदी को वैक्सीन लगवानी चाहिए। साथ ही यह भी कहा था कि बीजेपी के नेताओं ने सबसे पहले यह क्यों नहीं लगवाई। इसी तरह कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि अगर देश के प्रधानमंत्री या दुनिया में अलग-अलग देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री कोरोना का पहला टीका लगाते हैं तो इससे देश में और देश के नागरिकों में विश्वास पैदा होता है।

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