नई दिल्ली। गर्मी के महीनों में मौसम की स्थिति खराब होने के पूर्वानुमान के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को लू से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर सरकारों के सभी अंगों से तालमेल के साथ काम करने का आह्वान किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने एक बैठक की अध्यक्षता की जहां उन्हें अप्रैल-जून के दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना के बारे में बताया गया। बयान में कहा गया है कि आवश्यक दवाओं, तरल पदार्थ, आइस पैक, ओआरएस और पीने के पानी की उपलब्धता के संदर्भ में स्वास्थ्य क्षेत्र में तैयारियों की समीक्षा की गई।
बैठक में टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया जैसे सभी मंचों के माध्यम से विशेष रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में आवश्यक सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) जागरूकता सामग्री के समय पर प्रसार पर जोर दिया गया।
Chaired a meeting to review preparedness in the wake of heat wave conditions in different parts of the country. We reviewed aspects relating to augmenting healthcare capacity, spreading awareness and more.https://t.co/gygjzvZSMW
— Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2024
बयान में कहा गया कि चूंकि 2024 में सामान्य से अधिक गर्मी होने की उम्मीद है और इसी दौरान आम चुनाव भी है, इसलिए यह महसूस किया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय और एनडीएमए द्वारा जारी किए गए परामर्श का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जाए और व्यापक रूप से प्रसारित किया जाए।
पीएम मोदी ने सरकार के पूरे दृष्टिकोण पर जोर दिया और कहा कि केंद्र, राज्य और जिला स्तरों पर सरकार के सभी अंगों के अलावा विभिन्न मंत्रालयों को तालमेल के साथ इस पर काम करने की जरूरत है।
उन्होंने अस्पतालों में पर्याप्त तैयारी के साथ-साथ जागरूकता पैदा करने, जंगल की आग का शीघ्र पता लगाने और बुझाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह सचिव, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हाल ही में कहा था कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान भारत में अत्यधिक गर्मी की संभावना है। मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय हिस्सों में इसका सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना है।