#NITIAayog : प्रधानमंत्री की अध्यक्षता, 11 मुख्यमंत्री अनुपस्थित, कुछ इस तरह संपन्न हुई नीति आयोग की बैठक, थीम ‘विकासशील भारत’…..

न्यूज़ डेस्क(Bns)। ‘विकासशील भारत’ थीम पर आज नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक संपन्न हुई। नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि इस समय भारत टेक ऑफ मोमेंट में है। हम सिर्फ जनसंख्या के मामले में विश्व के सबसे बड़े देश हैं। कुछ साल में विश्व के 20% काम करने वाले आयुवर्ग के लोग भारत में होंगे। अगर इस समय(अगले 25 साल) सही चीजें की गई तो भारत निरंतरता के साथ लंबी अवधि तक तेज़ गति से विकास कर सकता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत उड़ान भरने के क्षण में है। हम न केवल जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़े देश हैं बल्कि 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी हैं। पांचवां कुछ वर्षों में तीसरा बनने जा रहा है।

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि जनसांख्यिकी न केवल लोगों की कुल संख्या के लिहाज से बल्कि युवाओं की संख्या के लिहाज से भी हमारे पक्ष में है। अगले कुछ वर्षों में भारत में दुनिया की कामकाजी उम्र की आबादी का लगभग 20% हिस्सा होगा और यह अगले 20 वर्षों के लिए कामकाजी उम्र के लोगों का सबसे बड़ा प्रदाता बनने जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 2047 तक एक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया और राज्यों से आर्थिक रूप से विवेकपूर्ण निर्णय लेने को कहा जो देश के सपनों को पूरा करने वाले कार्यक्रमों को पूरा करने में सक्षम हों। मोदी ने नीति आयोग की आठवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही, जिसमें कई मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों और केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया। प्रधान मंत्री ने राज्यों से वित्तीय रूप से विवेकपूर्ण निर्णय लेने का भी आग्रह किया जो उन्हें वित्तीय रूप से मजबूत और नागरिकों के कल्याण के लिए कार्यक्रम चलाने में सक्षम बनाएगा।

पीएम मोदी अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक हर साल होती आई है। इस बार नए संसद भवन के साथ इस बैठक का भी बहिष्कार किया गया। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि इस बैठक में देश के 11 सीएम ने हिस्सा नहीं लिया। बैठक में 11 राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं आए। पहले भी ऐसा देखा गया है। लेकिन कई लोगों की लिखित वक्तव्य हमारे पास हैं। उन सब को संज्ञान में लेकर ही पॉलिसी बनती हैं। इसमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिहार के मुखिया नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, केरल के सीएम पिनरई विजयन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारम्मैया शामिल रहे।

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