महाराष्ट्र में जो हो रहा है वो ‘विकास’ नहीं ‘वसूली है : रवि शंकर प्रसाद

नई दिल्ली। इस वक्त महाराष्ट्र में पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर के कारण भूचाल मचा हुआ है, जिसके बाद महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। इसी बारे में आज केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस वार्ता की है, जिसमें उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस वक्त जो हो रहा वो ‘विकास’ नहीं ‘वसूली’ है। भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है। जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो सोचिए बाकी के मंत्रियों का कितना होगा?

इस वक्त राज्य में पैसे का खेला चल रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कौन शो चला रहा है? ‘वसूली अघाड़ी’ की राजनीतिक दिशा क्या है? शरद पवार राजनीतिक साख पसंद करते हैं, लेकिन किस मजबूरी में वो अनिल देशमुख का समर्थन कर रहे हैं, सरकार को जवाब देना ही होगा, वो चुप नहीं रह सकती है।

इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रेसवार्ता करके कुछ दस्तावेजों के साथ शिवसेना सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख को शर्म आनी चाहिए और अब उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख होम क्वारंटाइन में नहीं थे। वो लोगों से मिल रहे थे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार को इस बारे में गलत जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि शरद पवार के सारे दावे सोमवार को ही गलत साबित हो गए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक अनिल देशमुख 17 फरवरी को सहयाद्री गेस्ट हाउस में थे।

जबकि आरोपों और सवालों के कटघरे में घिरे अनिल देशमुख ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर वीडियो शेयर करके सफाई दी है और कहा है कि उनके बारे में गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह करने की साजिश की जा रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अनिल देशमुख ने वीडियो में इस बात को माना है कि 5 फरवरी से 15 फरवरी 2021 तक कोरोना संक्रमित होने की वजह से वह अस्पताल में थे और 15 फरवरी को चार्टर प्लेन से मुंबई गए थे।

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