महाविकास अघाड़ी में महाभारत? कोई अकेले लड़ने की बात करेगा तो लोग जूतों से पीटेंगे : उद्धव ठाकरे

न्यूज़ डेस्क। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की गाड़ी लड़खड़ाती नजर आ रही है और गठबंधन में शिवसेना और कांग्रेस के बीच दरार की खाई और गहरी ही होती जा रही है। महाराष्ट्र में कांग्रेस चीफ नाना पटोले और अन्य लोकल नेता के अकेले चुनाव लड़ने वाले बयान पर मचे घमासान के बीच उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया आई है। उद्धव ठाकरे ने शनिवार को इशारों-इशारों में स्थानीय कांग्रेस नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोगों की समस्याओं का समाधान किए बिना अकेले चुनाव लड़ने की बात करेगा, उन्हें लोग जूते से पीटेंगे।

कांग्रेस या किसी कांग्रेस नेता का नाम लिए बगैर उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर हम लोगों की समस्याओं के समाधान की पेशकश नहीं करते हैं और केवल राजनीति में अकेले लड़ने की बात करते हैं, तो लोग हमें जूते से पीटेंगे। वे हमारी अकेले चुनाव लड़ने की पार्टी केंद्रित महत्वाकांक्षी बात नहीं सुनेंगे। हाल ही में मुंबई कांग्रेस प्रमुख भाई जगताप ने कहा था कि वह शिवसेना से हाथ मिलाए बिना अगले साल के मुंबई निकाय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को अपनी आकांक्षाएं अभी अलग रखनी चाहिए और अर्थव्यवस्था और हेल्थ पर फोकस करना चाहिए। कोरोना वायरस महामारी के बीच अपनी पार्टी के 55 वें स्थापना दिवस के मौके पर ठाकरे ने कहा कि देश के समक्ष अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के दो प्रमुख मुद्दे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल यह तय करें कि वे सत्ता के लिए राजनीतिक सफलता चाहते हैं या आर्थिक मोर्चे पर समाधान खोजने के लिए। सामाजिक अशांति इसका वर्णन करने के लिए एक कठोर शब्द होगा, लेकिन देश निश्चित रूप से सामाजिक अशांति की ओर बढ़ रहा है।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर कोई पार्टी यह कहना चाहती है कि वह दूसरों से हाथ मिलाए बिना चुनाव लड़ना चाहती है, तो उसे लोगों को आत्मविश्वास और साहस देना चाहिए। अन्यथा लोग पूछेंगे कि पार्टी के पास उन्हें आजीविका, नौकरी देने की क्या योजना है। बता दें कि दशकों से विरोधी रहे शिवसेना और कांग्रेस ने 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के भाजपा से अलग होने के बाद शरद पवार की एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाई।

उन्होंने कहा कि यह तय करने का भी समय आ गया है कि क्या हम लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए राजनीतिक ताकत चाहते हैं (या किसी और चीज के लिए)। अगर हम अपने सामने आर्थिक और स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान खोजने के तरीकों पर विचार किए बिना आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में लिप्त रहते हैं, तो हम गंभीर संकट में हैं। उद्धव ठाकरे के पिता बाल ठाकरे ने 1966 में शिवसेना का गठन किया था।

नाना पटोले ने कहा, ‘कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकले लड़ेगी। अगर आलाकमान फैसला लेता है तो मैं मुख्यमंत्री का चेहरा बनने को तैयार हूं।’ पटोले के इस बयान से एक बार फिर यह संकेत मिले हैं कि राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

हालांकि, राज्य की गठबंधन सरकार में सबसे अहम भूमिका निभा रही एनसीपी ने कहा था कि महा विकास अघाडी (एमवीए) के तीनों घटक महाराष्ट्र सरकार चलाने के मुद्दे पर एकजुट हैं लेकिन वर्ष 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ लड़ने पर अबतक फैसला नहीं हुआ है।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.