बेंगलुरु। चीन में तेजी से फैल रहा खतरनाक HMPV (ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस) अब भारत में भी दस्तक दे चुका है। बेंगलुरु में 8 महीने की एक बच्ची इस वायरस से संक्रमित पाई गई है। यह भारत में HMPV का पहला मामला है, जिसने स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों को सतर्क कर दिया है।
कोविड-19 महामारी के पांच साल बाद, चीन मौजूदा समय में नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है।कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स द्वारा दावा किया जा रहा है कि देश में वायरस तेजी से फैल रहा है। कुछ ने दावा किया कि अस्पताल और श्मशान घाटों पर भीड़ बढ़ रही है।
ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो में अस्पतालों में भीड़ दिखाई दे रही है, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड सहित कई वायरस फैल रहे हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एचएमपीवी मामलों में वृद्धि के कारण अचानक मृत्यु दर में चिंताजनक वृद्धि हुई है, तथा 40 से 80 वर्ष की आयु के लोग विशेष रूप से इससे प्रभावित हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के एक सूत्र ने कहा, “रिपोर्ट एक निजी अस्पताल से आई है और हमारे पास निजी अस्पताल के परीक्षणों पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है।”
सूत्रों के मुताबिक, एचएमपीवी यानी मानव मेटान्यूमोवायरस आमतौर पर 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है और सभी फ्लू नमूनों में से लगभग 0.7 प्रतिशत एचएमपीवी होते हैं। हमें अभी तक यह नहीं पता है कि यह वायरस का कौन सा प्रकार है, क्योंकि हमारे पास चीन में पाए गए वायरस के प्रकार के बारे में डेटा नहीं है। भारत सरकार के मुताबिक भारत में पहले भी एचएमपीवी के मामले सामने आ चुके हैं।
एचएमपीवी वायरस आमतौर पर बच्चों में ही पाया जाता है। इसमें खांसी, बुखार, गले में खराश, घरघराहट या गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ, नाक बंद होना, कुछ मामलों में संक्रमण ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा जैसे लक्षण भी दिखते हैं।