नई दिल्ली। सेना प्रमुख एमएम नरवणे कहा कि पिछला साल चुनौतियों से भरा था और हमने कई मौकों पर चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया। हमने ऐसा ही किया और शीर्ष पर आ गए। मुख्य चुनौती कोविड-19 और उत्तरी सीमाओं की स्थिति थी। सेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव पर कहा कि हमने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उच्च स्तर की सतर्कता बरती है। हम एक शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं, हमारी अभियान संबंधी तैयारियां बहुत उच्च स्तर की हैं। सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल राजकीय नीति के औजार के रूप में करता आ रहा है। हम सीमापार आतंकवाद का मुफीद वक्त पर जवाब देने का अधिकार रखते हैं।
जनरल नरवणे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारा बहुत स्पष्ट रुख है कि हम आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। भारतीय सेना देश के सामने आने वाले हर खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन मिलकर एक शक्तिशाली खतरा बन रहे हैं और इनके मिलीभगत की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है। सेना प्रमुख ने कहा कि हम भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और खतरों के आधार पर अपनी तैयारियों में बदलाव करते रहते हैं। हम पूर्वी लद्दाख में अपनी स्थितियों को कायम रखेंगे, परस्पर और समान सुरक्षा के आधार पर समाधान की उम्मीद है।