UP के NOIDA में धर्मांतरण का एक और केस: मां का आरोप- बेटे दर्श सक्‍सेना को बनाया गया मोहम्‍मद रेहान अंसारी

नई दिल्ली। उत्‍तर प्रदेश में धर्मांतरण का बड़ा मामला सामने आने के बाद राज्‍य के नोएडा में एक और मामला सामने आया है. नोएडा के एक परिवार ने अपने बेटे के गायब हो के बाद उसके धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया है। यह लड़का मई 2018 से गायब है, तब उसकी उम्र 17 साल की थी। नोएडा पुलिस ने बताया कि दर्श सक्‍सेना (Darsh Saxena)के गायब होने की रिपोर्ट फेज 2 पुलिस स्‍टेशन में दर्ज कराई गई थी। मां ने अपने बेटे दर्श सक्‍सेना (Darsh Saxena) का मोहम्‍मद रेहान अंसारी (Mohd Rehaan Ansari) के रूप में धर्मांतरण कराए जाने का आरोप लगाया है।

पुलिस ने बताया कि हमने जांच पाया कि उसने (दर्श सक्‍सेना) मोहम्‍मद रेहान अंसारी (Mohd Rehaan Ansari) के नाम से अपना फेसबुक अकाउंट बनाया था। यह ID अब डिएक्‍ट‍िवेट हो गई है। गायब लड़के की मां ने कल बुधवार को कहा, ” हम उसकी भलाई के बारे में जानना चाहते हैं।

सेंट्रल नोएडा के एसीपी अब्‍दुल कादिर ने कहा, मई 2018 से लापता होने के बाद बेटे दर्श सक्सेना पर एक परिवार ने धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया था। “ट्रूकॉलर ऐप पर उसका नाम रेहान के रूप में आता। उस समय, हमने धार्मिक वैमनस्य से बचने के लिए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी।

गौरतलब है कि बीते 21 जून को उत्‍तर प्रदेश पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने दावा किया था कि एटीएस को कुछ समय से यह सूचना मिल रही थी कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और अन्य विदेशी माध्यमों से पैसे एकत्र कर कुछ लोग धर्मांतरण कराने और धार्मिक वर्गों में आपसी वैमनस्य फैलाने के लिए प्रयासरत हैं। इस सूचना पर एटीएस उत्तर प्रदेश की टीम ने 20 जून को काजी जहांगीर और उमर गौतम को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। लखनऊ के एटीएस थाने में उनके व उनकी संस्था इस्लामिक दावा सेंटर व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश, धार्मिक वैमनस्य फैलाने, किसी धर्म को अपमानित करने सहित विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया था।

एटीएस ने मूक-बधिर छात्रों और निर्धन लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के मुफ्ती काजी जहांगीर आलम (निवासी जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्‍ली) और मोहम्‍मद उमर गौतम (निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्‍ली) को एटीएस गिरफ्तार किया था।

प्रशांत कुमार ने बताया कि उमर गौतम पहले हिंदू था, लेकिन उसने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया और धर्मांतरण कराने में सक्रिय हो गया। उन्होंने उमर के हवाले से बताया कि अभी तक उसने करीब एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में धर्मांतरित कराया और उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है। यह अभियान जामिया नगर, नई दिल्‍ली में संचालित इस्लामिक दावा सेंटर नामक संस्था के जरिये चलाया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, उमर गौतम से पूछताछ में धर्मांतरण कराने की पुष्टि हुई है।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबिक, एटीएस को कुछ समय से यह सूचना मिल रही थी कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और अन्य विदेशी माध्यमों से पैसे एकत्र कर कुछ लोग धर्मांतरण कराने और धार्मिक वर्गों में आपसी वैमनस्य फैलाने के लिए प्रयासरत हैं। इस सूचना पर एटीएस उत्तर प्रदेश की टीम ने रविवार को काजी जहांगीर और उमर गौतम को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि लखनऊ के एटीएस थाने में उनके व उनकी संस्था इस्लामिक दावा सेंटर व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश, धार्मिक वैमनस्य फैलाने, किसी धर्म को अपमानित करने सहित विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। नोएडा के मूक बधिर स्‍कूल से मामला के खुलासे के बाद एटीएस और नोएडा पुलिस जांच में जुट गई है। पुलिस यह पता लगा रही है कि डेफ सोसाइटी स्कूल में पढ़ाने वाले कौन-कौन लोग धर्मांतरण से जुड़े लोगों के संपर्क में है। पुलिस ने बताया कि स्कूल के संचालकों से एटीएस ने पूछताछ की है और जांच में पता चला है कि धर्मांतरण कराने वाला गिरोह पाकिस्तान स्थित खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से विदेश से मिले धन से यह काम करवाता था।

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