श्री सम्मेद शिखर विवाद : बढ़ता जा रहा सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने का मुद्दा, अनशन पर बैठे एक और जैन मुनि ने प्राण त्याग दिया

नई दिल्ली। सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का झारखंड सरकार का फैसला तूल पकड़ता ही जा रहा है। पूरे देश में विरोध हो रहे हैं और कई जैन मुनि अनशन पर भी बैठे हैं। पिछले तीन दिनों के भीतर दूसरे जैन मुनि ने अपना शरीर त्याग दिया है। जयपुर में अनशन पर बैठे एक और जैन मुनि समर्थ सागर का निधन हो गया है। बता दें कि इससे पहले सरकार के इस फैसले के विरोध में राजस्थान में अनशन करते हुए जैन मुनि संज्ञेय सागर जी ने देह त्याग दिया। जिससे विरोध और भड़ उठा था।

जयपुर के सांगानेर स्थित संघीजी दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य सागर महाराज के ही शिष्य मुनि समर्थ सागर आमरण अन्शन पर बैठे थे। समर्थ सागर महाराज की यात्रा संघी जी मंदिर के विद्याधर नदर पहुंची। जिसमें बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे। लोगों का कहना है कि जैन मुनि समर्थ सागर के सम्मेद शिखर को बचाने के लिए दिए गए इस बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

श्री सम्मेद शिखरजी झारखंड के गिरिडीह में पारसनाथ या पाशर्वनाथ पहाड़ी पर स्थित है। इस पहाड़ी का नाम जैनों के 23वें तीर्थकार पाशर्वनाथजी के नाम पर पड़ा है। श्री सम्मेद शिखरजी से जैन धर्म के 24 तीर्थकारों में से 20 तीर्थकार सहित असंख्य जैन संतों व मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया था, इसलिए जैन समुदाय के लिए ये स्थल सबसे पावन स्थलों में से एक है।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.