अयोध्या दिवाली : अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की तैयारियों के बीच राम मंदिर फैसले की वर्षगांठ मनाने पर रोक

अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच 9 नवंबर यानी सोमवार को राम मंदिर के पक्ष में आए फैसले की पहली वर्षगांठ है। लेकिन कोरोना के कारण फैसले की वर्षगांठ पर धार्मिक आयोजनों की घोषणा को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है। प्रशासन ने शहर में किसी भी नए कार्यक्रम की अनुमति देने से मना कर दिया है।

इसके अलावा बिना अनुमति कार्यक्रम करने पर कार्रवाई का भी निर्देश जारी किया है। कोविड-19 प्रोटोकॉल को देखते हुए 9 नवंबर को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रमों पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है।

दरअसल सोमवार 9 नवंबर को रामजन्म भूमि फैसले की प्रथम वर्षगांठ है। बीते 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर विवाद मामले में मंदिर के पक्ष में अपना ऐतिहासिक फैसला दिया था। इस मौके पर अयोध्या के संत समाज ने लोगों से महापर्व के रूप में मनाने की अपील की थी। संतों ने अपने अनुयायियों से कहा है कि 9 नवंबर को वे अपने घरों में धार्मिक अनुष्ठान करें और दीपक जलाएं।

लेकिन कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने किसी तरह के कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया। डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि बिना अनुमति किसी तरह के कार्यक्रम नहीं होंगे। अगर किसी ने ऐसा किया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इसे लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है।

गौरतलब है कि रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा था कि 500 सालों बाद ये मौका मिला है। कोर्ट के द्वारा 9 नवंबर को रामलला के पक्ष में फैसला दिया गया। 28 वर्षों तक रामलला त्रिपाल में रहे और 25 मार्च को उनको अस्थाई मंदिर में पहुंचाया गया। जिस तरह से हम रामनवमी का पर्व मनाते हैं उसी तर्ज पर 9 नवंबर को हमें पर्व मनाना चाहिए।

वहीं रविवार को संत परमहंस दास ने कहा था कि 9 नवंबर का दिन भारतवासियों के लिए सबसे बड़ा दिन है। इस दिन को महापर्व के रूप में अनुमति मिले, इसकी केंद्र सरकार से मांग की। संत परमहंस दास ने अपने अनुयायियों से अपील की थी कि इसको महापर्व के रूप में मनाएं। इस दिन काफी लंबे समय बाद भगवान का टेंट वास खत्म हुआ। मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

जहां एक तरफ कोरोना संकट को देखते हुए अयोध्या में भव्य दीपोत्सव को वर्चुअल मनाने का फैसला लिया गया है, वहीं इसी बीच राम जन्मभूमि फैसले की पहली वर्षगांठ मनाने को लेकर संतों ने कार्यक्रम का ऐलान किया था। इसे लेकर प्रशासन अलर्ट है और किसी भी तरह के नए आयोजन की अनुमति न देते हुए अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। साथ ही जगह-जगह चेकिंग की जा रही है और लोगों से किसी भी तरह के नए आयोजन न करने की अपील भी की जा रही है।

वहीं इस साल अयोध्या में खास तरीके से दिवाली मनाने की तैयारी चल रही है। कहा जा रहा है कि इस बार त्रेता युग में अयोध्या में जैसे दीपावली मनाई गई, उसकी झलक इस बार की दिवाली में दिखाई देगी। इस बार 492 साल बाद पहली बार दिव्य दिवाली का आयोजन राम जन्मभूमि परिसर में होगा।

इसके साथ ही अस्थाई मंदिर में रामलला का दरबार अनगिनत दीयों की रौशनी से जगमगाएगा। इससे पहले बहुत ही सीमित दायरे में परिसर में दिवाली मनाई जाती थी और सिर्फ पुजारी ही दीया जला पाते थे।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.