नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम, त्रिपुरा, नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन शनिवार को भी जारी रहा लेकिन कहीं से भी हिंसक वारदातों की खबर नहीं आई। हालांकि, पश्चिम बंगाल में हिंसा की लपटें शनिवार को राज्य के कई हिस्सों में फैल गईं। प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा में रेलवे स्टेशन पर आग लगा दी तो कोना एक्सप्रेसवे पर छह बसों को आग के हवाले कर दिया। हाईवे बंद कर दिए और रेलगाड़ियां रोकीं।
जो ये सवाल उठा रहे हैं कि #NRC क्यों जरुरी है, तो उन्हें #WestBengal की हालत पर नजर डालना चाहिए! यहाँ हिंसा और आगजनी की घटनाओं में वही घुसपैठिए संलग्न हैं, जिन्हें #MamataBanerjee ने वोट बैंक की खातिर राज्य में बसा रखा है! इन्हें खदेड़ने के लिए ही ऐसा कानून जरुरी है!#IslieNRC pic.twitter.com/5q56FozoFT
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) December 14, 2019
पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में भीड़ ने संकरेल रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर दिया और वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की। रेलवे सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, दोपहर के समय भीड़ स्टेशन परिसर में घुसी और टिकट काउंटर में आग लगा दी। जब रेलकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उनकी पिटाई की गई। उपद्रवियों ने स्टेशन मास्टर के कमरे में तोड़फोड़ की और सिग्नल केबिन को भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। प्रदर्शनकारियों कई दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया।
जो मुसलमान सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं.. सरकारी संपत्ति जला रहे हैं उन्हें खुद को नही पता वो ये क्यों कर रहे हैं, बस अपने आकाओं के इशारे पर वो नाच रहे हैं…
उन्हें याद रखना चाहिए कि जब मोदी जी के भीतर का राजधर्म (गुजरात वाला) जाग गया तब तुम कहीं के नही रहोगे…
— Pushpendra Kulshrestha (@PushpendraKuls4) December 15, 2019
मुर्शिदाबाद में भीड़ ने बेलडांगा स्टेशन पर रखी रेलवे की संपत्ति को आग लगा दी। एक फायर ब्रिगेड के इंजन को क्षतिग्रस्त कर जला दिया। मौके पर पहुंची पुलिस पर भी पथराव किया गया। इसी जिले के सुती में, प्रदर्शनकारियों ने तीन सरकारी बसों में तोड़-फोड़ की और यात्रियों को जबरन बस से उतारकर एक बस को आग लगा दी। बसुदेवपुर हॉल्ट स्टेशन में भी तोड़-फोड़ की गई। जिले के फरक्का, जंगीपुर और पोरडांगा स्टेशनों पर ट्रेनें रोक दीं और पथराव भी किया। रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शनकारी संकरेल, नालपुर, मोरीग्राम और बकरनवाबाज़ स्टेशनों पर पटरियों पर बैठे रहे, जिससे रेल यातायात ठप रहा।
सरकार से निवेदन है कि इन रोहिंग्या भेड़ियों के हिंसक प्रदर्शन को जल्द रोके ओर कार्यवाही करें। क्योंकि ये लोग देश का माहौल खराब कर रहें हैं साथ ही देश की धरोहरों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिस पर इनके बाप का भी कोई हक नहीं हैं। #NRCBill_जल्दी_लाओ @AmitShah @girirajsinghbjp
— अनुज अग्निहोत्री 'स्वतंत्र' (@ianujagnihotri) December 14, 2019
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की। ममता ने कहा, कानून अपने हाथ में मत लीजिए। सड़क और रेल यातायात जाम मत कीजिए। सड़कों पर आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी मत कीजिए। सरकारी संपत्तियों को नुकसान मत पहुंचाइए। जो लोग परेशानियां खड़ी करने के दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि नए कानून और एनआरसी का राज्य में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लोगों के बीच भ्रम मत फैलाइए।
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूरा उत्तर-पूर्व जल रहा है। असम, त्रिपुरा और मेघालय समेत कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। pic.twitter.com/vTFd08MIAe
— Meraj Ahmad (@MerajAh02035427) December 14, 2019
असम में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं ठप कर दी गई हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं राजनीतिक विभाग) संजय कृष्ण ने बताया कि फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और यू-ट्यूब जैसे सोशल मीडिया मंच का इस्तेमाल अफवाह फैलाने और तस्वीरों, वीडियो आदि को प्रसारित करने के लिए किया जा सकता है, जो लोगों उकासाने के साथ ही कानून-व्यवस्था को खराब कर सकती है। इसीलिए यह फैसला लिया गया है। अधिकारियों का दावा है कि परिस्थिति सामान्य होने पर ही इंटरनेट सेवाएं बहाल की जाएंगी. हालांकि बंद के बाद भी कुछ इलाकों में कुछ घंटो के लिए ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हो गई थीं।
भारतीय मुस्लिम द्वारा किये जा रहे हिंसक प्रदर्शन पर कोई सेक्युलर पत्रकार अपनी टिप्पणी नहीं देगा क्या!!!@sardesairajdeep ,@BDUTT ,@ShekharGupta ,
— Surendra (@Surendr82472125) December 14, 2019
असम में सबसे ज्यादा हिंसाग्रस्त रहे गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में शनिवार को कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि गुवाहाटी में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक जबकि, डिब्रूगढ़ में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ढील दी गई। दिसपुर, उजान बाजार, चांदमारी, सिलपुखुरी और जू रोड सहित कई स्थानों पर दुकानों के बाहर लंबी कतारें नजर आईं।
#CABPolitics के नाम पर देश की संपत्तियों को नुकसान पहचान और देश के सभ्य नागरिको पर पत्थर बाज़ी करना कोनसी बहादुरी है देश मे 95% लोग #CABBill का समर्थन कर रहे है माननीय श्री @AmitShah जी से निवेदन है की हिंसक प्रदर्शन करने वाले लोगो से शक्ति से निपटे।।pic.twitter.com/aV019TeePu
— Ramsa™ (@RamsaBJYM) December 14, 2019
ऑटो-रिक्शा और साइकिल-रिक्शा सड़कों पर नजर आए लेकिन बसें अब भी नदारद रहीं। शहर में पेट्रोल पंप भी खोल दिए गए हैं, जहां वाहनों की लंबी कतारें दिखीं। हालांकि, स्कूल और कार्यालय अब भी बंद हैं।
क्या पुलिस भी धर्म देखकर गोली चलाती है??
रामरहीम की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन में 31 मरे.. जाट आंदोलन में 18 मरे…?
लेकिन कल आसाम या बंगाल के रेलवे स्टेशन पर इतनी आगजनी हिंसा हुई पूरे देश मे हिंसक पथराव हुए खास समुदाय से कोई उपद्रवी क्यो नही मरा???#CitizenshipAmendmentAct
— मनीष शर्मा ?FB (@manish_sherpur) December 14, 2019
नगालैंड की राजधानी कोहिमा में नगा छात्र संघ (एनएसएफ) ने शनिवार को छह घंटे का बंद बुलाया। इसकी वजह से कई हिस्सों में स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहे और सड़कों से वाहन नदारद रहे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। संगठन ने बयान जारी कर कहा कि विवादित कानून के खिलाफ असंतोष दर्शाने के लिए बंद का आह्वाना किया गया। यह कानून राज्य के लोगों के हितों एवं भावनाओं के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा देने जा रहे छात्रों, ड्यूटी पर जा रहे चिकित्साकर्मियों, मीडियाकर्मियों को रोका।
जब पूरा देश मोदी जी के समर्थन में खड़ा है तब अकेले @RahulGandhi को मोदी जी से न जाने क्या समस्या हैं
समय आ गया है। अपने असली रूप में आओ प्रभु श्री @narendramodi ji ?pic.twitter.com/SxYZfmjIJp
— Harish Nagarkoti (@harishnagarkot7) December 15, 2019
मेघालय के शिलॉन्ग में हालात बेहतर होने पर शनिवार को सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। पूर्वी खासी हिल्स की जिला उपायुक्त एम डब्ल्यू नोंगबरी ने बताया कि राजधानी में कई स्थानों पर दुकानें और कार्यालय खुले। यातायात सामान्य रहा और पिछले 20 घंटे में किसी भी अप्रिय घटना होने की कोई खबर नहीं है। इस बीच, राज्य सरकार ने क्षेत्र में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) लागू करने के मद्देनजर एक प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अगुवाई में राज्य के एक प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें पड़ोसी राज्य असम की मौजूदा स्थिति के कारण यहां हो रही आवश्यक वस्तुओं की कमी के बारे में अवगत कराया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, गृह मंत्री ने मामले की जल्द से जल्द समीक्षा करने पर सहमति जताई।
विरोध-प्रदर्शन के बीच असम में फंसे यात्रियों की मदद के लिए रेलवे गुवाहाटी से विशेष रेलगाड़ियां चलाा रहा है ताकि लोग ऊपरी असम में अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। शनिवार को एक ऐसी ही ट्रेन दीमापुर के लिए भेजी गई। असम के गोलाघाट एवं डिब्रूगढ़ के लिए भी शनिवार को ट्रेन चलाई गईं। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिनों में 2000 से 2400 यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में मदद की गई है । लगभग 600-800 यात्री अब भी गुवाहाटी में फंसे हुए हैं । इन लोगों को भी रविवार सुबह तक वहां से निकाल लिया जाएगा। विशेष ट्रेनों के बारे में यात्रियों को बताने के लिए रेलवे फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सहारा ले रहा है।
नागरिकता कानून के विरोध में असम तथा देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन से बीजेपी में कई नेताओं को आश्चर्य हो रहा है लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि इस विवादास्पद कानून के लागू होने से उसे फयदा होगा। भाजपा असम में सत्ता में है जबकि पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में या तो अपने बल पर अथवा क्षेत्रीय दलों के साथ सत्ता में है। पार्टी नेताओं का मानना है कि स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी हालांकि उन्हें असम में इसके प्रभावों को लेकर कुछ चिंताएं भी हैं। असम में बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर हिन्दू एकजुटता के कारण पार्टी 2016 में पहली बार सत्ता में आई थी। हालांकि स्थानीय असमिया पहचान के मुद्दे पर अगर यह विरोध प्रदर्शन ज्यादा समय तक रहा तब इसमें राजनीतिक गणित को बदलने की क्षमता भी है। इसके बाद भी भाजपा नेता पश्चिम बंगाल में अपनी संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं जहां इसके कारण काफी संख्या में लोगों को लाभ होगा। राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि शरणार्थियों की संख्या दो करोड़ हो सकती है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पर राज्य में अशांति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। असम और पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जब तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में भी चुनाव होंगे ।