वादा कर बुरे फंसे केजरीवाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने लगायी फटकार, पूछा- छह हफ्ते में बताएं कब करेंगे गरीब किराएदारों का किराया भुगतान?

न्यूज़ डेस्क। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल जनता को सपने दिखाकर एक बार नहीं, बल्कि 3 बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए। इससे उनको विश्वास हो गया कि जनता सिर्फ झूठे वादे से ही वोट करती है। इसलिए वो हर मौके पर झूठे वादे कर जनता को गुमराह करने का मौका नहीं चुकते हैं। कोरोना काल में भी उन्होंने एक के बाद एक जनता से कई वादे किए, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं कर पाए। अब एक वादे को लेकर केजरीवाल बुरी तरह फंस गए हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमकर लताड़ लगाते हुए कोरोना महामारी के दौरान गरीब किराएदारों के किराया भुगतान करने के वादे को पूरा करने के लिए 6 सप्ताह के भीतर नीति बनाने का आदेश दिया।

केजरीवाल को उनके वादे की याद दिलाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केजरीवाल ने आश्वासन दिया था कि सरकार किराए का भुगतान करेगी, चुनाव के दौरान का राजनीतिक वादा नहीं था। कोर्ट ने कहा कि यह आश्वासन एक राजनीतिक वादा नहीं है। यह चुनावी रैली में नहीं कहा गया था। यह मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया एक बयान है। इस लिए जनता से किया गया किसी मुख्यमंत्री का वादा स्पष्ट रूप से लागू करने योग्य होता है।

कोर्ट ने मुख्यमंत्री के वादे की गंभीरता और उसकी प्रकृति का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया आश्वासन या वादा वचन-बंधन के सिद्धांतों और वैध अपेक्षाओं दोनों के आधार पर है, जिसे लागू करने पर सरकार द्वारा विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने नसीहत देते हुए कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि शासन करने वालों द्वारा जनता से किया गया वादा बिना किसी वैध और उचित कारणों के नहीं टूटना चाहिए।

कोर्ट ने यह आदेश दिहाड़ी मजदूरों और श्रमिकों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में पिछले साल 29 मार्च को केजरीवाल द्वारा किए गए उस वादे को लागू करवाने का अनुरोध किया गया है कि केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मकान मालिकों से निवेदन किया था कि जो गरीब हैं, उनसे किराया अभी नहीं लें। इसके साथ ही यह भी वादा किया था कि अगर कोई भी किराएदार किराया नहीं चुका पाता है तो फिर सरकार उसका किराया चुकाएगी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान कहा था, “महीने दो महीने के बाद ये कोरोना का सारा झंझट खत्म हो जायेगा। अगर कोई किराएदार गरीबी के वजह से आपका किराया नहीं दे पा रहा। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि सरकार उसका भुगतान करेगी। जितने किरायेदार हैं, जो गरीबी की वजह से थोड़ा बहुत किराया नहीं दे पाएंगे। उनके बारे में मैं कह रहा हूं। लेकिन अभी कोई मकान मालिक सख्ती नहीं करेगा, अगर कोई जबरदस्ती करेगा तो फिर सरकार सख्त एक्शन भी लेगी उनके खिलाफ।”

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