धर्म बदलने वाला खुद करे इसकी घोषणा, RSS ने कहा- धर्मांतरण के खिलाफ बने कानून

धारवाड़ (कर्नाटक) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शनिवार को कहा कि धर्म परिवर्तन बंद होना चाहिए और धर्म बदलने वालों को खुद इसकी घोषणा करनी चाहिए। संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि अगर कोई सरकार धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित होता है तो वे उसका स्वागत करेंगे।

कर्नाटक के धारवाड़ में तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल (एबीकेएम) की बैठक से समापन के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, “धर्मांतरण को रोका जाना चाहिए और जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है, उन्हें घोषणा करनी होगी कि उन्होंने धर्मांतरण किया है।

धर्मांतरण विरोधी कानून पर आरएसएस के रुख पर एक सवाल का जवाब देते हुए होसबोले ने कहा, “अल्पसंख्यक इसका विरोध क्यों कर रहे हैं, ये एक रहस्य है। किसी भी तरीके से किसी धर्म के लोगों की संख्या बढ़ाना, धोखाधड़ी या ऐसे अन्य तरीकों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा कि न केवल आरएसएस बल्कि महात्मा गांधी और अन्य ने भी इसका विरोध किया है। उनके अनुसार देश में 10 से अधिक राज्य ऐसे हैं जिन्होंने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने एक प्रस्ताव पारित किया। तब वीरभद्र सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया।

होसबोले ने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया था। उन्होंने कहा कि किसी को भी धर्म बदलने की हमेशा आजादी है, लेकिन आज जो हो रहा है वह वह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि ये मुद्दा कितना अहम है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस का आह्वान किया था।

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