पढ़ाई के साथ खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी हिस्सा लें : मुख्यमंत्री श्री बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पाटन विकासखंड मुख्यालय में स्थित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्री प्राइमरी कक्षाओं का शुभारंभ किया। दुर्ग जिले का यह पहला स्वामी आत्मानंद स्कूल होगा, जहां प्री प्राइमरी की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। केजी-1 और केजी-2 के लिए 20-20 सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। प्री प्राइमरी कक्षाओं के शुभारंभ के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री श्री बघेल स्कूली बच्चों से रूबरू हुए तो वहीं पाटन विधानसभा क्षेत्र में संचालित सभी 7 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्राचार्य व शिक्षकों से भेंट-वार्ता भी की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जहां स्कूली बच्चों को मन लगाकर पढ़ाई करने को कहा, साथ ही पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों के साथ तस्वीरें खिंचवाई। यहां मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को पाठ्य सामग्री का वितरण भी किया। वहीं मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से स्कूलों में बेहतर वातावरण निर्माण पर जोर देने की बात कही। इस दौरान जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर भी मौजूद रहे।

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल पाटन पहुंचने पर सबसे पहले क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों ने पुष्पगुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री श्री बघेल का आत्मीय स्वागत किया। वहीं प्री प्राइमरी विंग का शुभारंभ कर मुख्यमंत्री जैसे ही बच्चों से बातचीत के लिए कक्षा में पहुंचे, तो वहां मौजूद कक्षा दूसरी की नन्ही छात्रा चंद्रकला ने गुलाब का फूल देकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। नन्ही छात्रा को देखकर मुख्यमंत्री ने भी वात्सल्य भरा हाथ बच्ची के सिर पर फेरा। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल स्कूली बच्चों से रूबरू हुए और बच्चों के रोचक प्रश्नों के जवाब भी दिए। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान बच्चों ने स्वामी आत्मानंद के बारे में पूछा। मुख्यमंत्री ने बच्चों को स्वामी आत्मानंद की प्रतिभा और कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।

कक्षा आठवीं की छात्रा विनाक्षी ने जानना चाहा कि “स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू करने के पीछे उनका लक्ष्य क्या था?” इसके जवाब में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने स्कूली जीवन को याद करते हुए कहा कि, उनके वक्त में हर वर्ग के बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की सुविधा नहीं होती थी। शहरी क्षेत्रों में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होती थी और सभी विषयों के शिक्षक उनके पास होते थे, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह सुविधाएं नहीं होती थीं। हमारे यहां प्रतिभा की कमी नहीं लेकिन यहां के लोग भाषा की वजह से पिछड़ जाते थे। यह देखकर ही मुझे लगा कि यहां भी शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई का वातावरण दिया जाए। जिस तरह से राजीव गांधी जी ने देशभर में नवोदय विद्यालय खुलवाए, उसी तर्ज पर स्वामी आत्मानंद स्कूलों की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, जब बच्चे बेहतर वातावरण में पढ़ाई करेंगे तो उनमें आत्मविश्वास आएगा, और आत्मविश्वास ही व्यक्ति की सबसे बड़ी पूंजी होती है। आप प्रदेश और देश का भविष्य हैं, आपकी शिक्षा से ही प्रदेश और देश तरक्की करेगा।

भेंट मुलाकात में बीत रही गर्मी की छुट्टियां :
बच्चों से बातचीत के दौरान कक्षा सातवीं की छात्रा श्रुति ठाकुर ने मुख्यमंत्री से पूछा कि “सर आप अपनी गर्मी की छुट्टियां कैसे बिताते हैं?” इसके जवाब में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि, “जनसेवा में कोई छुट्टी नहीं होती। इस बार बीते एक महीने से प्रदेशभर में भेंट-मुलाकात अभियान चलाया जा रहा है। इसमें मैं सरगुजा और बस्तर के 20 विधानसभा क्षेत्र में जा चुका हूं। वहां आम, बरगद, पीपल, साल जैसे पेड़ के नीचे बैठकर गांव के लोगों से बातचीत हो रही है। वहां योजनाओं से संबंधित जानकारी ले रहा हूं, कि उन्हें योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। इस तरह अब तक की गर्मी पेड़ के नीचे ही प्रदेश की जनता से बात करते हुए बीता है।”

जीवन में अनुशासन जरूरी :
मुख्यमंत्री से कक्षा 9वीं के छात्र शैलेंद्र देवांगन ने पूछा कि ’जब आप स्टूडेंट थे, तो आपके टीचर आपसे कैसा ट्रीट करते थे?’ इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक आपसे अनुशासन चाहते हैं। आप समय से स्कूल पहुंचें। आप शिक्षकों के निर्देशों का पालन करें। कक्षा में बैठे रहने के दौरान आपका पूरा फोकस पढ़ाई पर होना चाहिए। कोर्स से संबंधित जो भी चीजें आपको समझ न आ रही हों, आप शिक्षकों से अपनी जिज्ञासा पूछें। आप अनुशासित होंगे, खेल और स्कूल की अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेंगे तो शिक्षक आपको पसंद करेंगे। शिक्षकों के सामने अपनी गलती को छुपाने का प्रयास न करें। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके समय पर्याप्त शिक्षक नहीं होते थे। उन्होंने कहा अब तो स्वामी आत्मानंद स्कूल में शिक्षकों के साथ अन्य संसाधन भी हैं।

बच्चों को ऐसा माहौल दें कि उनमें सीखने की ललक हो :
पाटन विधानसभा क्षेत्र में संचालित सभी 7 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्राचार्य व शिक्षकों से भेंट-वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री को सभी स्कूलों की ओर से अपने स्कूलों की अधोसंरचना, स्टाफ और स्कूल के उपलब्धियों के बारे में बताया गया। वहीं शिक्षकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पाटन क्षेत्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भूमि रही है। जिन्होंने देश और प्रदेश के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य किए हैं। क्षेत्र में पढ़ाई को लेकर भी वातावरण पहले से रहा है लेकिन स्वामी आत्मानंद स्कूलों से लोगों की उम्मीद और बढ़ गई है। आज पूरे प्रदेश में अभिभावक और बच्चे स्वामी आत्मानंद स्कूलों को लेकर उत्साहित हैं। ऐसे में स्कूल के समय के बाद बच्चों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि, आपने अपने स्कूलों की जो उपलब्धियां बताईं, उनमें थोड़ा और ध्यान देंगे तो इनमें इजाफा हो जाएगा। पहले तो शिक्षकों को पालकों से संपर्क करने घर तक जाना पड़ता था, आज तकनीक का दौर है। वहीं मुख्यमंत्री ने बच्चों को प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने पर भी जोर दिया। साथ ही कहा कि पढ़ाई का वातावरण ऐसा हो कि बच्चों को पढ़ाई बोझिल न लगे। अनुशासन के साथ स्कूल का वातावरण प्रफुल्लित होना चाहिए। बच्चों में सीखने की ललक पैदा होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि, बच्चे तो कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, उन्हें आप जैसा आकार देना चाहें दे सकते हैं लेकिन उनकी रुचि के अनुसार उन्हें ढालेंगे तो वे जीवन में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।

स्वामी आत्मानंद स्कूल पाटन में यह है खास :
विकासखंड मुख्यालय पाटन में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूल का परिसर लगभग 2 एकड़ में फैला हुआ है। यहां बच्चों के लिए अत्याधुनिक 16 क्लास रूम, बायोलॉजी, केमेस्ट्री और फिजिक्स के पृथक लैब, 3 स्मार्ट क्लास रूम सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां डिपार्टमेंट रूम, 2 स्टाफ रूम, हेड मास्टर रूम, प्रिंसिपल रूम, ऑफिस रूम, एग्जाम हाल, ऑडिटोरियम, किताबों से समृद्ध लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स रूम, कंप्यूटर लैब और हरियाली भरे बड़े मैदान के साथ भव्य मंच बनाया गया है। यहां अंग्रेजी माध्यम के साथ हिंदी माध्यम स्कूल भी संचालन किया जा रहा है। वर्तमान में यहां इंग्लिश मीडियम में कक्षा पहली से कक्षा दसवीं तक 494 विद्यार्थी और हिंदी माध्यम में कक्षा नवमीं से बारहवीं 349 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। अब यहां शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इंग्लिश मीडियम में प्री प्राइमरी की कक्षाएं भी शुरू की जा रही हैं।

स्कूल परिसर में रोपा चम्पा का पौधा :
स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्री प्राइमरी विंग का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने सबसे पहले स्कूल परिसर में चम्पा का पौधा रोपा। वहीं स्कूल की अधोसंचरना में हुए बदलाव को देखकर मुख्यमंत्री ने अचंभित भाव से कहा कि स्कूल का पूरा नक्शा ही बदल चुका है। लेकिन यह बदलाव बेहतरी के लिए है, जो खुशी की बात है।

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