एक योजना, जिसने बदल दी जिंदगी !, गोबर बेचकर अदा करते हैं बेटी की पढ़ाई की फीस

रायपुर। कोई सरकारी योजना किसी की जिंदगी बदल सकती है, इसकी बानगी राजापुर में देखने को मिली। यहां कोरोना काल जब हाथों में काम नहीं था, तब एक परिवार ने घर में पल रहे मवेशियों के गोबर को बेचने का विचार किया। इसमें छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना सहारा बनी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर गौठानों में गोबर खरीदी की अभिनव योजना शुरू की गई है। राजापुर के दिनेश प्रजापति भी अब इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, और गोबर बेचकर जहां परिवार का खर्च चला रहे हैं तो पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ रही बेटी की पढ़ाई की पूरी फीस भी गोबर बेचकर चुका रहे हैं। बकौल, दिनेश प्रजापति गोधन न्याय योजना ने उनके परिवार के लिए जिंदगी बदलने का काम किया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 11 मई को भेंट-मुलाकात अभियान की कड़ी में सरगुजा जिले के सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के राजापुर में थे। इस दौरान भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में लोगों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने शासकीय योजनाओं से मिल रहे लाभ को जानना चाहा। यहां पहुंचे दिनेश प्रजापति ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई गोधन न्याय योजना ने उनकी जिंदगी ही बदल दी। उन्होंने बताया कि, कोरोना संकट काल में उनके पास कोई काम नहीं था। ऐसे में उन्होंने गांव में निर्मित आदर्श गौठान में गोबर बेचना शुरू किया। गोबर बेचने पर मिले पैसों से परिवार के दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली। दिनेश शुरुआत में जरूरतों के अनुसार ही गोबर बेचते थे। अब उनके पास मौजूद 14 मवेशियों का पूरा गोबर वे नियमित तौर पर बेचते हैं और घर का पूरा खर्च गोबर बेचकर मिले पैसों से ही चलता है।

“मैं नहीं, मुख्यमंत्री पढ़ा रहे मेरी बेटी को” :
वहीं दिनेश ने बताया कि उनकी बेटी दीपा, सूरजपुर वेटनरी पॉलिटेक्निक में वेटनरी साइंस की पढ़ाई कर रही है। कोरोना के दौरान कॉलेज बंद था, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई जारी थी। ऐसे में बेटी दीपा को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल फोन की जरूरत थी। घर की आर्थिक स्थिति तब मजबूत नहीं थी, लेकिन गोबर बेचकर मिली रकम से एक ही नहीं दो मोबाइल फोन आ गए। भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान बड़े ही भावुक अंदाज में श्री दिनेश ने मौजूद जनसमूह के बीच कहा, “जब लोग मुझसे पूछते हैं कि आर्थिक परिस्थिति कमजोर होने के बाद भी बेटी की पढ़ाई कैसे जारी है, तब मेरा जवाब होता है कि मेरी बेटी की पढ़ाई मैं नहीं करवा रहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मेरी बेटी को पढ़ा रहे हैं।” यह सुन मौजूद जनसमूह ने तालियां बजाकर प्रजापति परिवार का उत्साहवर्धन किया।

मुख्यमंत्री ने दी गो-धन के सेवा की सीख :
जब दिनेश प्रजापति अपने निजी अनुभव साझा कर रहे थे, तब उनके साथ उनकी बेटी दीपा भी मौजूद थीं। यहां गोधन से हो रही आय पर जब प्रजापति परिवार ने बात की, तब मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वेटनरी साइंस की पढ़ाई कर रही दीपा को गो-धन की सेवा की सीख दी। यहां मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में गोबर से अब तक जैविक खाद और अन्य उत्पाद तो बन ही रहे हैं। अब राज्य में गोबर से बिजली और पेंट बनाया जाएगा, साथ ही अब गौ-मूत्र की खरीदी भी छत्तीसगढ़ सरकार करेगी।

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