रायपुर(Bns)। सांसद दीपक बैज को छत्तीसगढ़ में प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी गई है। बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का आदेश देर शाम जारी हुआ। मोहन मरकाम को फिलहाल संगठन में कोई नई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
*💢युवा सोच भी है नया जोश भी है कुछ कर गुजरने का होश भी है।*
*युवा सोच में नई तरक्की नज़र आती है।*
*युवा नेतृत्व की दीवार पक्की नज़र आती है।*#Rahul_gandhi#b_v_shrinivas #Deepak_baij pic.twitter.com/rBgOWFVKBR— GPM Youth Congress*️⃣ (@IYCGPM) August 9, 2021
प्रदेश कांग्रेस में नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर लंबे समय से चर्चा और कवायद चल रही थी। नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बैज सबसे आगे चल रहे थे। बैज युवा आदिवासी चेहरा होने के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भरोसेमंद माने जाते हैं। पिछले महीने दिल्ली में राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन अड़गे की मौजूदगी में हुई प्रदेश कांग्रेस की बैठक के दौरान भी प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा जोरों पर थी।
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge द्वारा @DeepakBaijINC जी को छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया है।
आपको भविष्य के लिए शुभकामनाएं। pic.twitter.com/4ZzuqRpr6b
— Congress (@INCIndia) July 12, 2023
मरकाम और बैज दोनों बस्तर संभाग से आते हैं और आदिवासी वर्ग से हैं। मरकाम बस्तर संभाग की कोंडागांव सीट से विधायक हैं, जबकि बैज बस्तर से सांसद हैं। 2019 में सांसद चुने जाने से पहले बैज 2018 में बस्तर की ही चित्रकोट सीट से विधायक चुने गए थे।
कांग्रेस सांसद श्री @DeepakBaijINC जी को @INCChhattisgarh का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।
मुझे पूरा विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ कांग्रेस को और अधिक मजबूती मिलेगी।
— Kumari Selja (@Kumari_Selja) July 12, 2023
विधानसभा चुनाव से पहले चार महीने पहले मरकाम की पीसीसी अध्यक्ष पद से छुट्टी किए जाने के पीछे कई कारण हैं। पार्टी नेता कह रहे हैं कि उनका कार्यकाल पूरा हो गया था। इस वजह से आलाकमान ने यह बदलाव किया है। वहीं, मरकाम के कार्यकाल में कई बार सरकार और संगठन के बीच टकराव की खबरें आती रही। इस बीच महामंत्रियों की नियुक्ति को लेकर पिछले महीने जो हुआ उसके बाद मरकाम का जाना पूरी तरफ फाइनल हो गया। बात दें कि मरकाम ने पिछले महीने अचानक पार्टी के महामंत्रियों की नियुक्ति की, लेकिन इसके लिए उन्होंने न तो प्रदेश प्रभारी से बात की और न ही प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की। इसके बाद प्रदेश प्रभारी सैलजा ने महामंत्रियों की नियुक्त के आदेश को रद्द कर दिया।