बिहार चुनाव में Nota से भी कम वोट पाने वाली AIMIM की जीत ने बिखरे हिन्दुओं को दिया बड़ा संदेश, भविष्य में एकजुट नहीं हुए तो होगी दुर्गति

न्यूज़ डेस्क। बिहार विधानसभा के चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को अप्रत्याशित सफलता मिली है। ओवैसी की पार्टी ने बिहार चुनाव में 20 उम्मीदवार खड़े किए थे, जिनमें से 5 ने जीत हासिल की है। वहीं LJP ने 134 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, लेकिन उसे एक सीट पर सफलता मिली। AIMIM और LJP की सीटों की संख्या और वोट शेयर के आंकड़े काफी हैरान करने वाले हैं।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में चार करोड़ से ज्यादा मत डाले गए और इनमें से 1.24 प्रतिशत वोट AIMIM को और LJP को 5.66 प्रतिशत वोट मिले हैं। जहां LJP को 23.83 लाख लोगों ने वोट दिया पर उनका सिर्फ़ एक ही उम्मीदवार जीता, वहीं एआईएमआईएम को 5.23 लाख लोगों ने वोट दिया और 5 उम्मीदवार जीते। वहीं सबसे हैरानी वाली बात है कि AIMIM को नोटा (1.68%) से भी कम वोट मिले हैं। एलजेपी और नोटा की तुलना में कम वोट पाकर भी AIMIM ने जो सफलता हासिल की है, उसने बिखरे हिन्दुओं को बड़ा संदेश दिया है कि अगर इस नतीजे से सबक नहीं लिए तो आगे का रास्ता काफी मुश्किलों भरा हो सकता है।

AIMIM ने इस चुनाव में दमदार प्रदर्शन किया है। उसके उम्मीदवार अमौर से अख्तरुल ईमान, कोचाधामन से इजहार असफि,बायसी से रुकुनुद्दीन,बहादुरगंज से अंजार नईमी और जोकीहाट से शहनवाज आलम ने जीत हासिल की है। सीमांचल के मुस्लिमों ने जिस तरह एकजुट होकर ओवैसी के इन उम्मीदवारों के पक्ष में जमकर वोट किया, उसने फिर साबित किया है कि संख्या में कम होकर भी बड़ी जीत हासिल की जा सकती है। यह बिहार और देश के हिन्दुओं के लिए खतरे की घंटी है।

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में एआईएमआईएम का प्रदर्शन खराब रहा था और उसे सिर्फ 0.5 प्रतिशत मत ही हासिल हो पाए थे। लेकिन इस बार बिहार के सीमावर्ती इलाकों में एआईएमआईएम की गहरी होती पैठ बिहार में सांंप्रदायिक ध्रुवीकरण की ओर इशारा कर रहा है। वहीं एआईएमआईएम का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अच्छा नहीं रहा था। लेकिन बिहार की सफलता से उत्साहित ओवैसी ने पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। तेलंगाना और बिहार के अलावा महाराष्ट्र में एमआईएमआईएम के पास दो विधायक और एक सांसद है।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.