पोषणअभियान में उल्लेखनीय कार्य के लिए छत्तीसगढ़ को मिले 5 राष्ट्रीय पुरस्कार, मुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री ने दी बधाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ ने आज पोषण अभियान में उल्लेखनीय कार्य के लिए पांच राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया है। छत्तीसगढ़ ने दो श्रेणियों के तहत उत्कृष्टता पुरस्कारों में दूसरा स्थान हासिल किया है। राज्य को आईसीडीएस-सीएएस कार्यान्वयन और क्षमता निर्माण, अभिसरण,व्यवहार परिवर्तन और सामुदायिक जुटाव श्रेणियों में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ को जिला, ब्लॉक और पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम स्तर पर तीन पुरस्कार और नेतृत्व एवं अभिसरण के लिए एलएस स्तर भी मिला। पोषण अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने बधाई दी है।

छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास के संचालक जन्मेजय महोबे, विशेष सचिव वी. के. छबलानी और जेपीसी पोषण अभियान साजिद मेमन ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी के हाथों संयुक्त रूप से प्रत्येक श्रेणी के लिए प्रशस्ति पत्र और 50 लाख रुपये का चेक प्राप्त किया।

इसके अलावा, केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने दुर्ग जिले को सर्वश्रेष्ठ जिला, करतला (कोरबा) को सर्वश्रेष्ठ विकास खंड, सरगुजा (बतौली) और दुर्ग जिले (पाटन) को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों, सर्वेक्षणकर्ताओं, एएनएम की सर्वश्रेष्ठ टीम के लिए चुना। चयनित टीम को प्रशस्ति पत्र और 2 लाख 50 हजार रुपये का चेक देकर सम्मानित किया गया। दुर्ग जिला को जिला स्तरीय नेतृत्व और अभिसरण पुरस्कार में ‘सर्वश्रेष्ठ जिला‘ के रूप में सम्मानित किया गया। दुर्ग जिला कार्यक्रम अधिकारी किरण सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी जी एस ठाकुर ने संयुक्त रूप से केंद्रीय मंत्री के हाथों पुरस्कार प्राप्त किया। कोरबा जिले के करतला ब्लॉक को ब्लॉक स्तरीय नेतृत्व और अभिसरण पुरस्कार के लिए चुना गया है। सीडीपीओ डॉ विद्यानंद बोरकर, ब्लॉक सीईओ जे के मिश्रा और बीएमएचओ डॉ कुमार पुष्पेश ने संयुक्त रूप से पुरस्कार प्राप्त किया।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य को कुपोषण से मुक्त कराने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इसका सुखद परिणाम है कि पोषण अभियान के तहत किये गए उल्लेखनीय कार्य के लिए छत्तीसगढ़ कोे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आगामी 3 सालों में छत्तीसगढ़ को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कुपोषण समाप्त करने के लिए दंतेवाड़ा और बस्तर जिले से सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई हैै। इस सुपोषण महाअभियान को 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन से पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत कुपोषण और एनीमिया पीड़ितों को प्रतिदिन निःशुल्क भोजन दिया जाएगा।

राज्य स्तर पर बेहतर प्रर्दशन करने के लिये छत्तीसगढ़ का चयन 02 श्रेणियों में किया गया है। पहली श्रेणी आईसीडीएस-कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से राज्य के सात जिलों रायपुर, दुर्ग, महासमुन्द, गरियाबंद, बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम में आईसीटी-आरटीएम सिस्टम लागू किया गया है,जिसके द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सीधे मोबाईल से आंकड़े भारत सरकार के सर्वर पर भेजती हैं और सीधे ऑनलाइन डिजिटल मॉनिटरिंग की जाती है। इन सभी सात जिलों में लगभग 10 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से डाटा प्रेषित किया जाता है जिससे इन आंगनवाड़ी केन्द्रो में 10 प्रकार की पंजियों का उपयोग बंद हो गया है। इस प्रकार डिजिटाईजेशन की ओर यह अभिनव पहल है। दूसरी श्रेणी अंतर्गत सतत् सीख प्रक्रिया, क्षमता विकास, अभिसरण, समुदाय आधारित गतिविधि के तहत सभी 27 जिलों में समय आधारित लक्षित कार्य किया जा रहा है।

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.