सभी कोरोना से होने वाली मौतों को कोविड-19 प्रमाणित किया जाएगा, दोषी डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई: SC से केंद्र

नई दिल्ली। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किए एक हलफनामे में कहा है कि सभी कोरोनो वायरस मौतें, चाहे वे कहीं भी हुई हो, को कोविड की मौत के रूप में प्रमाणित किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि कोरोना से हुई मौतों के मामले में मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कम से कम 6 राज्यों में मृत्यु के आंकड़ों में भारी विसंगति हुई है। मीडिया में आईं खबरों के बाद सरकार ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में शनिवार की देर रात 183 पन्नों का हलफनामा दर्ज कराते हुए कोर्ट को भरोसा दिलाया कि जिन डॉक्टरों ने नियमों का उल्लंघन किया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हुआत हो कि अब तक केवल अस्पतालों में हुई कोरोना वायरस रोगियों की मौतों को ही कोविड के रूप में प्रमाणित किया गया था। अस्पताल से इतर चाहे व्यक्ति की मौत घर पर हुई हो या अस्पताल की पार्किंग में, ऐसी मौतों को कोरोना से हुई मौतों के रूप में प्रमाणित नहीं किया गया, जबकि ऐसे लोगों की संख्या लाखों में है जिन्होंने अस्पताल के बताय अपने घर या अस्पताल जाते समय कोरोना से दम तोड़ दिया। मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और दिल्ली में इस वर्ष और पिछले वर्ष के मृत्यु के आंकड़ों में विसंगति देखी गई है। आंकड़ों में सामने आया है कि अकेले इन पांच राज्यों में 4.8 मौतें ऐसी हुई हैं जिनकी मौतों का कारण अस्पष्ट है।

कल बिहार सरकार ने एक आंकड़ा जारी किया जिसके मुताबिक इस साल के शुरुआती पांच महीनों में 75,000 ऐसे लोगों की मौत हुई जिनकी मौत के कारण का ही पता नहीं है। यह बिहार सरकार द्वारा राज्य में कोरोना से हुईं मौतों के आधिकारिक आंकड़े से 10 गुना ज्यादा है।

केंद्र सरकार ने एक हलफनामें में नए नियमों की घोषणा की जिसमें कहा गया है कि कोरोना से हुई मौतों के लिए 4 लाख का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है क्योंकि इससे राज्य सरकारों पर एक असहनीय वित्तीय बोझ पड़ेगा। राज्य सरकारें कोरोना के कारण पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं।

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