सावधान : जुखाम, रात में पसीना और छींक आ रही है? हो जाए सावधान, यह हो सकते है ओमिक्रॉन के लक्षण

न्यूज़ डेक्स। कोरोना महामारी का नया वेरिएंट ओमिक्रोन अब दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। भारत भी इससे अछुता नहीं है। बता दें कि, इस समय भारत में ओमिक्रोन से संक्रमितों की संख्या लगभग 1900 के पार पहुंच गया है। वेरिएंट ज्यादा तबाही न मचाए इसके लिए साइंटिस्ट भी एंटीबॉडी विकसित करने में दिन-रात लगे हुए है। जानकारी के लिए बता दें कि, बिना खांसी और जुकाम के भी अगर आपके गले में खराश हो रही है तो यह भी एक ओमिक्रॉन का लक्ष्ण हो सकता हैं। भारत में इस समय सर्दी तेज है और इस समय लोगों की इम्यूनिटी कमजोर रहना आम बात होती है। सर्दी और मौसम के बदलाव से आमतौर पर लोगों को सर्दी और जुखाम हो जाता है। लेकिन हाल ही में एक्सपर्ट ने दावा किया है कि, नाक बहना भी ओमिक्रोन का लक्षण हो सकता है।

एक्सपर्ट के मुताबिक, ओमिक्रोन के वो लक्षण जिसको आपको कभी भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। इसमें बहती नाक ओमिक्रोन का संकेत हो सकता है। वहीं, विशेषज्ञ का कहना है कि, यूके की सरकार ने कोरोना के पुराने लक्षण के अलावा कोई और लक्षण अपडेट या गाइडलाइन जारी नहीं किया है।

नाक बहना, छींक आना, गले में खराश, यह तीन ओमिक्रोन के लक्षण सामने नजर आ रहे है और ऐसे लक्षण वाले मरीजों की संख्या के मामलें सबसे अधिक दर्ज हुए हैं। इसके अलावा, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, रात को पसीना आना भी ओमिक्रोन के प्रमुख लक्षण हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, लोग इसे सर्दी या फ्लू का लक्षण समझकर नजरअंदाज कर रहे है। लेकिन नाक बहना और शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द होना जरूरी नहीं की ओमिक्रोन के लक्षण में आते हो। वहीं अगर आपको थोड़ा सा भी ऐसा महसूस होता है कि आपके अंदर ओमिक्रोन के लक्षण आ रहे है तो आप तुंरत दुसरों को सेफ रखते हुए कोरोना टेस्ट करा लें और खुद को आइसोलेट कर लें।

ब्रिटिश जनरल फिजिशियन डॉ. आमिर खान के मुताबिक, रात में अगर पसीना आ रहा है जिससे आपके कपड़े तक भीग सकते है तो ध्यान देना जरूरी होगा। रात में लोगों में पसीना आना आम बात है अगर आप किसी दवाई का सेवन कर रहे हो ते, या शराब पीते हो, जिन्हें एंग्जाइटी हो। इन सबके बावजूद आपको कोरोना का टेस्ट जरूर कराना चाहिए जिससे आप इसका प्रसार रोकने में मदद कर सकते है। जानकारी के लिए बता दें कि, यह वेरिएंट पिछले वेरिएंट से हल्का है। ब्रिटेन की पहली ऑफिसिअल रिपोर्ट के मुताबिक, ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों को डेल्टा वैरिएंट की तुलना में हॉस्पिटल में भर्ती होने की संभावना 50-70 प्रतिशत कम है।

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