न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इन फैसलों के बारे में जानकारी दी। सीतारमण ने बताया कि मंत्रिमंडल ने करीब दो लाख करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इससे देश का उत्पादन, रोजगार और निर्यात बढ़ेगा। इसका लाभ बाहर से आई मोबाइल कंपनीज और देश की कंपनियों को भी मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले से फार्मा क्षेत्र और स्टील उद्योग को भी लाभ पहुंचेगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, ‘मैन्युफैक्चरिंग GDP का 16 प्रतिशत हिस्सा है। हमें मैन्युफैक्चरिंग हब बनना है, तो इसे बढ़ाना होगा। हमारे यहां आयात ज्यादा होता है और निर्यात कम होता है। आज तक उत्पादन और निर्यात बढ़ाने के बहुत प्रयास हुए, पर सफलता नहीं मिली। अब मोदी सरकार की कैबिनेट ने फैसला लिया है कि दस उत्पादन के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह करीब दो लाख करोड़ रुपये की होगी। आत्मनिर्भर भारत को साकार करने की दृष्टि से यह निर्णय महत्वपूर्ण है। यह दीवाली के मौके पर उद्योग क्षेत्र को एक बहुत बड़ा तोहफा है।’
उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि के लिए जिन 10 सेक्टर्स को चुना गया है वे इस तरह हैं-
- एडवांस केमिस्ट्री सैल बैटरी सेक्टर- 18,100 करोड़ रुपये
- इलेक्ट्रॉनिक और टेक्नोलॉजी प्रोडेक्ट- 5,000 करोड़ रुपये
- ऑटो मोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स- 57,000 करोड़ रुपये
- फार्मासिटुकल एंड ड्रग्स सेक्टर- 15,000 करोड़ रुपये
- टेलीकॉम एंड नेटवर्किंग सेक्टर- 12,000 करोड़ रुपये
- टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज- 10,000 करोड़ रुपये
- फूड प्रोडक्ट के लिए- 10,000 करोड़ रुपये
- सोलर पोर्टेबलिटी सेक्टर- 4,500 करोड़ रुपये
- एयर कंडीशनर और एलईडी- 6,200 करोड़ रुपये
- स्पेशेलिटी स्टील 6300 करोड़ रुपये