मोदी सरकार ने गरीबों को दी बड़ी राहत, अगले साल मार्च तक बढ़ी 5 किलो मुफ्त अनाज की योजना, 80 करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ

न्यूज़ डेस्क। पीएम नरेन्द्र मोदी को गरीबों का मसीहा कहा जाता है, क्योंकि वो गरीबों के हितों के प्रति काफी संवेदनशील है। उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लगातार फैसले लेते रहते हैं। इसी क्रम में बुधवार (24 नवंबर, 2021) को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गरीबों के हित में एक बड़ा फैसला किया गया। कैंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यानि पीएमजीकेएवाई को मार्च 2022 तक बढ़ाने की मंजूरी दी। अब इस योजना के तहत मार्च 2022 तक 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन मिलेगा।

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देश के लगभग 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 किलो गेंहू और चावल मुफ्त में देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की गई थी, उसे मार्च, 2022 तक चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर 53,344 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई की कुल लागत इस चालू कार्यक्रम के सभी पांच चरणों सहित लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए यह योजना अप्रैल, 2020 में तीन महीने के लिए शुरू की गई थी। तब से इसे कई बार बढ़ाया जा चुका है। इस योजना के पहले चरण और दूसरे चरण को क्रमशः अप्रैल से जून, 2020 और जुलाई से नवंबर, 2020 तक चालू किया गया था। योजना का तीसरा चरण, मई से जून 2021 तक चालू था, जबकि योजना का मौजूदा चौथा चरण जुलाई-नवंबर, 2021 के लिए चालू है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के सामान्य कोटे से अधिक पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पांचवें चरण में 163 लाख टन खाद्यान्न की खपत होने की उम्मीद है। अब तक पीएम-जीकेएवाई (पहले से चौथे चरण) के तहत, केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कुल लगभग 600 लाख टन खाद्यान्न आवंटित किया है, जो खाद्य सब्सिडी में लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपये के बराबर है। कुल मिलाकर, सरकार पीएमजीकेएवाई एक से पांच चरण तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। अभी तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के द्वारा 93.8 प्रतिशत खाद्यान्न का उठाव किया गया है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम-जीकेएवाई के पांचवें चरण को मंजूरी देने के अलावा एक और महत्वपूर्ण फैसला किया। मंत्रिमंडल ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। अब सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले 26 नए बिलों के साथ कृषि कानून निरस्त विधेयक, 2021 भी संसद के शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार (19 नवंबर, 2021) को राष्ट्र को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करेगी।

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