न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों की दोस्ती समय की कसौटी पर पूरी तरह से खरी उतरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और रूस के बीच मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है। अभी हाल ही में इसे कोविड -19 महामारी के दौरान टीकों के क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में हमारे सुदृढ़ सहयोग के रूप में देखा गया। महामारी ने हमारे द्विपक्षीय सहयोग में स्वास्थ्य और दवा क्षेत्रों के विशेष महत्व को सामने लाया है।”
व्लादिवोस्तोक में आयोजित छठे पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) के पूर्ण सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी सुदूर-पूर्व के विकास के लिए राष्ट्रपति पुतिन के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए भारत की “एक्ट ईस्ट नीति” के तहत रूस के एक विश्वसनीय भागीदार होने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी’ के अनुरूप प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों पक्षों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक सम्बन्ध को अधिक से अधिक मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने महामारी के दौरान सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के रूप में उभरे-स्वास्थ्य और फार्मा क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने हीरा, कोकिंग कोल, स्टील, लकड़ी समेत आर्थिक सहयोग के अन्य संभावित क्षेत्रों का भी जिक्र किया।
कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद, केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ईईएफ के तहत भारत-रूस व्यापार वार्ता में भाग ले रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और रूस के सखा-याकूतिया प्रांत के राज्यपाल के बीच ईईएफ के दौरान 2 सितंबर को एक ऑनलाइन बैठक हुई। विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित भारतीय कंपनियों के 50 से अधिक प्रतिनिधि भी ऑनलाइन प्रारूप में भाग लेंगे।
My remarks at the Eastern Economic Forum. https://t.co/FE8mRgm75q
— Narendra Modi (@narendramodi) September 3, 2021