कोरोना प्रोटोकॉल माने बिना पर्यटन कर रहे हैं लोग, फिर लागू की जा सकती हैं बंदिशें: स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने और पाबंदियां कम होने के बाद लोग पर्यटन पर निकल पड़े हैं। यही नहीं मनाली, शिमला जैसे हिल स्टेशनों से ऐसी भी तस्वीरें आई हैं, जिनमें लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे जरूरी नियमों का पालन करते नहीं दिख रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि यदि लोग नियमों का सही से पालन नहीं करते हैं तो एक बार फिर पाबंदियों में दी गई ढील वापस ली जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘अब तक कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में मिली बढ़त को कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने वाले लोग खत्म कर सकते हैं।’

लव अग्रवाल ने कहा, ‘लोग हिल स्टेशनों का रुख करने लगे हैं। कोरोना प्रोटोकॉल का भी ऐसे लोग पालन नहीं कर रहे हैं। यदि ऐसा होता है तो फिर हम अब तक दी गई ढील को वापस भी ले सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अभी गई नहीं है। यह अब भी सीमित स्वरूप में हमारे बीच मौजूद है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या अब 5 लाख से भी कम ही रह गई है। हालांकि उन्होंने अब भी महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय और सिक्किम को चिंता की वजह बताया। इन राज्यों में अब भी 10 पर्सेंट से ज्यादा की पॉजिटिविटी रेट के साथ नए केस मिल रहे हैं।

हालांकि इस बीच देश भर में मिल रहे कोरोना के नए् केसों की रफ्तार में कमी देखने को मिल रही है। बीते एक सप्ताह में कोरोना के प्रतिदिन औसत नए केसों में 13 फीसदी तक की कमी देखने को मिल रही है। देश में अब कुल 91 जिले ही ऐसे हैं, जहां हर दिन 100 से ज्यादा नए केस हर दिन मिल रहे हैं। 4 मई को यह आंकड़ा 531 जिलों का था। ऐसे में उस पीक के मुकाबले अब काफी कम हो गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री की ब्रीफिंग में बताया गया कि देश के 90 जिले ही ऐसे हैं, जहां देश भर के 80 फीसदी के करीब केस मिल रहे हैं।

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